Nagaur news: नागौर ग्रामीण क्षेत्रों के बाद अब शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारों को मिल रहा है रोजगार. राजस्थान सरकार द्वारा अब शहरी क्षेत्रों में भी बेरोजगार बैठे व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध करवाए जा रहे हैं,  राजस्थान सरकार द्वारा इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना को प्रत्येक शहरी क्षेत्र में शुरू किया गया है. ताकि कोई भी व्यक्ति बेरोजगार ना रहे और खुद का कार्य कर सकें. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 9 सितंबर 2022 को इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत की गई थी. जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही मानरेगा योजना के तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में भी प्रत्येक शहरी बेरोजगार व्यक्ति को कार्य मिले. इस योजना में पहले प्रत्येक व्यक्ति को 100 दिनों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा था. जिसे बढ़ाकर अब 125 दिन कर दिया गया है.


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प्रतिदिन मिलेंगे 259 रूपए
जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन के 259 रूपए दिए जा रहे हैं। राजस्थान की सरकार के द्वारा इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना को शुरू किया गया। इस योजना के अंतर्गत मनरेगा के तर्ज पर प्रदेश के नागरिकों को 125 दिनों का रोजगार प्रदान किया जाएगा, इस योजना के संचालन के लिए राज्य सरकार के द्वारा 1100 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय की जाएगी। हर जिलो में लोगो को जागरूक करने के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इस योजना के शुरू होने से सभी बेरोजगार नागरिकों को विशेष फायदा हुआ है. नागौर में भी शुरू हुई इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में अब शहरी क्षेत्रों में बेरोजगार बैठे लोगों को फायदा मिल रहा । और अब आसानी से बेरोजगार अपना गुजारा निकाल रहे हैं. इस योजना में पुरुषों के साथ साथ महिलाओं को काफी फायदा मिल रहा है. 


18 से 60 वर्ष आयु वालों को मिल रहा रोजगार
महिलाओं को भी अलग अलग कार्यों के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं. उन महिलाओं और पुरुषों को रोजगार उपलब्ध करवाए जा रहे. इस योजना से अब शहरों में साफ सफाई के अन्य विकास कार्य भी हो रहे हैं। नागौर नगरपरिषद आयुक्त देवीलाल चौधरी ने बताया कि राजस्थान में नगर निकायों, नगर निगम , नगरपरिषद और नगरपालिकाओं में राज्य सरकार द्वारा इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के नाम पर एक योजना चलाई जा रही है. राज्य सरकार की यह फ्लैगशिप योजना है। इस योजना में बेरोजगार जरुरतमंद लोग जिसकी आयु 18 से 60 वर्ष हो उनको इस योजना के माध्यम से रोजगार दिया जा रहा है.


शहर का होगा सौंदर्यीकरण 
नागौर जिले में 4800 व्यक्ति इस पखवाड़े में इस योजना से जुड चुके हैं. नागौर शहर में भी नगरपरिषद द्वारा एक हजार लोगों को इस योजना के माध्यम से रोजगार आवंटित किए गए. जिनमें से 703 व्यक्ति इसमें जुड़े हैं ।अभी पिछले माह से जिलों कलेक्टर और प्रमुख शासन सचिव के निर्देशन अनुपालना में सभी निकायों ने शहरों के जो स्थाई प्रकृति के जो कार्य है विशेष कर जो शहरों के सौंदर्यीकरण से संबंधित है जिसमें दीवारों पर पेंटिंग, रंगाई पुताई का कार्य है या स्कूल , होस्पिटल , आंगनबाड़ी केंद्र भवनों पर भी रंगाई पुताई के साथ साथ ऐतिहासिक पेंटिंग बनाई जा रही है. ताकि शहर का सौंदर्यीकरण हो सके‌‌.


नगरपरिषद आयुक्त ने बताया कि इस योजना में गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति को रोजगार देने का लक्ष्य है। योजना के शुरू से ही महिला वर्ग ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया है। नागौर नगरपरिषद आयुक्त देवीलाल चौधरी ने बताया कि नागौर शहर के सरकारी स्कूलों, अस्पताल, आंगनबाड़ी केंद्र की दीवारों पर रंगाई पुताई के साथ ऐतिहासिक और विभिन्न प्रकार की पेंटिंग बनाई जा रही है। इसके साथ ही शहर में पार्कों का पुनर्रूद्धार , श्मशान घाट व कब्रिस्तान का पुनर्रूद्धार कार्य , बावड़ी एवं जलाशय का पुनर्रूद्धार कार्य , शहर की मुख्य सड़क की मीडियन या रोड साईड दीवारों की हैरिटेज पेंटिंग , इंटरलॉकिंग संबंधित कार्य ,खेल मैदान एवं स्टेडियम का पुनर्रूद्धार जैसे कार्य करवाए जा रहे हैं. 


महिलाएं हो रही आत्मनिर्भर
नागौर नगरपरिषद आयुक्त देवीलाल चौधरी खुद मौके पर जाकर कार्यो का निरीक्षण कर रहे हैं और समय समय पर जो व्यक्ति इस योजना से जुड़े हुए हैं उनको परीक्षण दिए जा रहे हैं । साथ ही समय समय पर नगरपरिषद द्वारा इस योजना के बारे में बेरोजगार बैठे लोगों को जानकारी दी जा रही है. नागौर शहर में इस  योजना से जुड़ी महिलाओं ने राजस्थान सरकार का आभार जताया। महिला ने बताया कि वह पहले घर पर ही बेरोजगार बैठी रहती थी और घर खर्चा चलाने के लिए अपने पति पर ही निर्भर रहती थी लेकिन आज राजस्थान सरकार द्वारा इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत अब वो भी काम कर रही है और पैसे कमा रही है. और अलग अलग कार्य भी सीख रही हैं. अब वो अपना घर खर्चा और बच्चों की जरूरतो को भी पुरा कर सकती है.