Nagaur: नागौर जिला मुख्यालय के किसान छात्रावास में जाट समाज समन्वय समिति द्वारा वार्षिक प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. समन्वय समिति के अध्यक्ष और कार्यक्रम के आयोजक डॉ. शंकरलाल जाखड़ के अनुसार इस समारोह में शिक्षा, सामाजिक कार्य, व्यवसाय क्षेत्र और सरकारी सेवा में नव चयनित समाज की कुल 228 प्रतिभाओं को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया. 


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जिनमें से प्रशासनिक क्षेत्र, शिक्षा, चिकित्सा आदि में नव चयनित 26 राजपत्रित अधिकारी, राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 15 प्रतिभागी, सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में 6 प्रतिभागी, 3 युवा उद्यमी और भामाशाह, 9 पीएच.डी. और नेट जेआरएफ सर्टिफिकेट धारक, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से 8 प्रतिभागी, आईआईटी में 11 और नीट परीक्षा में चयनित 26 विद्यार्थी, खेल क्षेत्र से 18 खिलाड़ियों सहित कक्षा 10, 12, स्नातक और स्नातकोत्तर के कुल 124 विद्यार्थी शामिल रहे.


समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान राज्य पुलिस जवाबदेही आयोग के अध्यक्ष और मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष एच.आर. कुड़ी ने अपने उद्बोधन में 'असंभव' शब्द के अस्तित्व को नकारते हुए सामाजिक परिवर्तन की समझ विकसित करने की आवश्यकता बताई. उनके अनुसार अलग-अलग क्षेत्र की प्रतिभाओं और विशेषज्ञों का संपर्क मात्र ही व्यक्तित्व के सकारात्मक विकास में बेहद उपयोगी रहता है. 


राजस्थान पुलिस सेवा में उप महानिदेशक के रूप में पदस्थापित सवाई सिंह गोदारा (आईपीएस) ने शासन व्यवस्था में समुचित भागीदारी को समाज के सर्वांगीण विकास का प्रतीक बताते हुए विद्यार्थियों से अपने अन्तः बाह्य शक्ति को पहचान कर उसे उच्चतम स्तर तक पहुंचाने का आह्वान किया. 


अध्यक्षीय उद्बोधन में पूर्व उप जिला प्रमुख डॉ. सहदेव चौधरी ने किसान केसरी बलदेव राम मिर्धा, मूलचंद सिहाग आदि महापुरुषों और समाज के अन्य प्रतिष्ठित बुजुर्गों के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि युवाओं द्वारा अच्छे, कामयाब और उच्च नैतिक दृष्टिकोण रखने वाले लोगों को ही अपना आदर्श (रोल मॉडल) बनाना चाहिए. 


पद्मश्री हिम्मताराम भांबू ने लक्ष्य से भटकाव को रोकने के साथ समाज सुधार की आवश्यकता बताई. राजस्थान प्रशासनिक सेवा में नव चयनित और सहायक आयुक्त जीएसटी के रूप में पदस्थापित दिनेश ठोलिया ने कहा कि मजबूत इच्छाशक्ति के बल पर सामान्य से अति सामान्य पृष्ठभूमि के विद्यार्थी भी सफलता के शिखर तक पहुंच सकते हैं. नव चयनित आरएएस दिनेश कटानिया और सुनील चौधरी ने श्रोताओं को संबोधित किया. 


राजस्थान न्यायिक सेवा के अधिकारी जितेंद्र चौधरी ने अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभव साझा करते हुए एकनिष्ठ प्रयासों को सफलता की कुंजी बताया. डॉ.महेश पुनिया ने कृषि विज्ञान और हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में स्वरोजगार की संभावनाओं से परिचित करवाया. पूर्व प्रधान रिद्धकरण लामरोड ने तकनीकी विकास के साथ संस्कारों की जरूरत बताई. समारोह के दौरान राष्ट्रपति शिक्षक सम्मान से सम्मानित दुर्गाराम मुआल, असिस्टेंट प्रोफेसर अंजू चौधरी, व्याख्याता डॉ.शिवानी, आरटीएस रामेश्वर छाबा सहित अन्य वक्ताओं ने भी समाज और छात्र हित में अपने विचार व्यक्त किए. 


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सांस्कृतिक कार्यक्रम की श्रृंखला में रामनारायण माचरा, पुखराज बेनीवाल और दिनेश कस्वां ने तेजाजी के गीतों पर शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों की तालियां बटोरी. पूर्व प्राचार्य डॉ.शंकरलाल जाखड़ ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए उनके संबोधन से प्राप्त सीख को जीवन में उतारने का आह्वान किया. जाट समाज समन्वय समिति से माणक चौधरी, ओमप्रकाश ईनाणियां, एडवोकेट गोविंद कड़वा, रामप्रकाश बिशु, डॉ.रामेश्वर सांगवा, रामनिवास धेडू आदि ने स्मृति-चिन्ह भेंटकर अतिथियों का आभार व्यक्त किया. 


मंच संचालन का कार्य प्रोफेसर सुरेंद्र कागट और डॉ. भूपेश बाजिया ने किया. प्रतिभावों के पुरस्कार हेतु डॉ सहदेव चौधरी ने एक लाख रुपये नकद समन्वय समिति को दिए कार्यक्रम में समाज के गणमान्य व्यक्तियों सहित बड़ी तादाद में विद्यार्थियों, अभिभावकों और अतिथियों की सक्रिय सहभागिता रही.


Reporter: Damodar Inaniya


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