Degana, Nagaur: नागौर जिले के डेगाना विधायक विजयपाल सिंह मिर्धा के ड्राइवर के गुमशुदगी का मामला लगातार तुल पकड़ते जा रहा है . 11 माह से लापता ड्राइवर को लेकर विधायक विजयपाल मिर्धा के विपक्षी दलों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है . जिसको लेकर पहले डेगाना विधायक विजयपाल मिर्धा ने मीडिया के सामने आकर पूरे मामले की सीबीआई व एस ओ जी जांच करवाने की बात कही और कहा अगर पूरे मामले में कहीं पर भी दोषी पाए जाते हैं तो सजा भुगतने के लिए तैयार हैं और राजनीति में कभी भी कदम नहीं रखेंगे.


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वहीं अब डेगाना के पूर्व विधायक रिछपालसिंह मिर्धा ने भी बयान दिया है कि उनके परिवार पर राजनीतिक षड्यंत्र रचा जा रहा है. उनके परिवार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है . यही बदनाम वहीं लोग कर रहे हैं जो खूद भ्रष्टाचार से लिप्त है.  वो ही हमारे परिवार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं . पूर्व विधायक रिछपालसिंह मिर्धा ने कहा कि सरकार के पास बहुत सी स्वतंत्र एजेंसियां है किसी भी एजेंसी से जांच करवा सकते हैं और अगर हम दोषी पाए जाते हैं तो कोई भी सजा भुगतने के लिए तैयार है.


क्या है ताराचंद का मामला


कांग्रेस सरकार में डेगाना से विधायक विजयपाल मिर्धा का चालक 11 माह से लापता हैं,लेकिन चालक ताराचंद का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया . ताराचंद के पिता ने पुलिस थाने से लेकर पुलिस अधीक्षक और सीएम तक अपने बेटे को ढूंढने की गुहार लगाई, लेकिन फिर भी लापता बेटे का कोई सुराग नहीं मिला तो अब पीड़ित ने न्यायालय में गुहार लगाई. पीड़ित को अंदेशा है कि विधायक ओर उसकी पत्नी को उसकी जानकारी है, लेकिन वह उन्हें गुमराह कर रहा है.


नागौर में मिर्धा परिवार किसी से छुपा नहीं है, डेगाना से विधायक विजयपाल मिर्धा का चालक ताराचंद 10 मई 2022 को विधायक की पत्नी को लेकर जयपुर से दिल्ली गया. एमएलए की माने तो वह ट्रेन से गया, जबकि उसके दूसरे नौकर की माने तो वह पत्नी के पीहर वालों की इनोवा गाड़ी से लेकर गया. 12 मई को दिल्ली से निकल गया . फोन पर बात नही हुईं तो परिवार के लोगों ने 14 मई को फोन किया,लेकिन फोन नहीं लगा. फिर किसी अन्य से समाचार मिले कि वह रास्ता भटक गया. पीड़ित ने कुचेरा नागौर थाने में एमएलए की सिफारिश से गुमशुदगी दर्ज करवा दी. इसके बाद भी उसका कोई सुराग नहीं मिला. 15 मई को जयपुर में सांगानेर इलाके में उसका बैग लावारिस हालत में मिला, जिसमें उसके कपड़े कुछ दस्तावेज थे. इसके बाद से ही पीड़ित पिता देवाराम एमएलए उसकी पत्नी और पुलिस के चक्कर काटने को मजबूर है .


अब पीड़ित को लगता है कि उसके बेटे के साथ कोई अनहोनी या घटना हुई है. इसके लिए सीधे तौर पर एमएलए विजयपाल मिर्धा व उसकी पत्नी पर अंदेशा जता रहा है . यही नहीं पीड़ित का आरोप है कि इन लोगों को उसके बेटे के बारे में जानकारी है यह लोग उनसे कुछ छुपा रहे है . पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं . ऐसे में अब पीड़ित ने राजस्थान हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई है . पीड़ित पिता का कहना है कि 11 माह से पुलिस विधायक और सरकार तक गुहार लगा चुका हैं अब वह चक्कर काट कर ना उम्मीद हो गया.अब उसे न्यायालय से उम्मीद है कि उसे न्याय मिलेगा और उसका बेटा मिल जाएगा . हालांकि पीड़ित की याचिका पर हाई कोर्ट ने भी निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए है .


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