Nagaur News: लाडनूं ( LADNUN ) क्षेत्र में गणगौर के मौके पर महिलाओं में गजब का उत्साह देखने को मिला. लाडनूं मुख्यालय पर आयोजित हो रहे बोलावणी मेले व गणगौर की सवारी में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया. इसके अलावा पुरुष व बच्चे भी पीछे नहीं रहे. स्थानीय प्रशासन ने मेले के दौरान व्यवस्थाएं संभाली. मेला समिति ने लाडनूं के गणगौर मेले को पर्यटन की सूची में शामिल करने की मांग की है.


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गणगौर मेला (Gangaur Mela) समिति के तत्वावधान में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला गणगौर का बोलावणी मेला धूमधाम के साथ संपन्न हुआ. इससे पहले भगवान सत्यनारायण मंदिर ( Bhagwan Satyanarayana Mandir) व चारभुजा मंदिर से गणगौर की सवारी निकली. जो राहु गेट होते हुए मुख्य बस स्टैंड पर स्थित राव गेट पहुंची. इस दौरान गणगौर की सवारी में बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी. यहां राव कुआं पर गणगौर की सवारी को दर्शनों के लिए विराजित किया गया. जहां पर महिलाओं ने गंवरी की पूजा की.


शाही सवारी के साथ निकली गणगौर की सवारी
दो अलग-अलग मंदिर से निकलने वाली गणगौर की सवारी राव कुआ पर एक साथ हो गई. बैंड बाजों, ऊंट घौड़ो के साथ निकली सवारी गणगौर के दर्शनार्थ बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी. गणगौर मेला समिति के पदाधिकारी व कार्यकर्ता साफा पहने परंपरागत वेशभूषा के साथ नजर आए. गणगौर की सवारी के जुलूस के दौरान लोगों ने पुष्प वर्षा की. गणगौर की सवारी को देखने के लिए लोग अपने घरों, दीवारों पर चढ गए.


ड्रोन से की निगरानी
लाडनूं का गणगौर मेला जिले ही नहीं अपितु प्रदेश भर में अपनी एक अलग पहचान रखने वाला है. इस मेले में एक तरह सज जनसैलाब सा उमड़ जाता है. ऐसे में व्यवस्थाओं के मध्य नजर रखते हुए ड्रोन से निगरानी रखी गई. पुलिस विभाग के द्वारा ड्रोन से निगरानी के अलावा अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया. पुलिस विभाग से सीओ राजेश ढाका, लाडनूं थाना अधिकारी भजनलाल डीडवाना व जसवंतगढ थाने का पुलिस बल तैनात रहा.


इधर मुख्य बस स्टैंड पर मेला आयोजित होने के चलते बसों का रूट भी डायवर्ट किया गया. बस स्टैंड से संचालित होने वाली अलग-अलग सड़क मार्गों की बसें कमल चौक से अपने निर्धारित रूट के लिए रवाना हुई.


मेला समिति की ये मांग है 
मेला समिति के मंत्री नरपत सिंह गौड़ ने लाडनूं की तरफ से इस गणगौर के ऐतिहासिक मेले को प्रदेश स्तर पर स्थान दिलाने की मांग की. इसके अलावा पर्यटन क्षेत्र में लाडनूं के प्रसिद्ध मेले को शामिल करने की मांग की. मेले में अलग अलग सामाजिक संस्थाओं की तरफ से जगह-जगह पीने के पानी की व्यवस्था की गई.


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