Deedwana : राज्य सरकार के वित्त विभाग द्वारा कोषालय, उप कोषालय, पेंशन और आंतरिक जांच विभाग जैसे कार्यालयों को समाप्त किए जाने के निर्णय का विरोध शुरू हो गया है. इसे लेकर डीडवाना के लेखा और वित्त संवर्ग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम नायब सरकार को ज्ञापन सौंपा और इन कार्यालयों को बंद करने की बजाय उन्हें सुदृढ़ किए जाने की मांग की. 


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कार्मिकों ने ज्ञापन में बताया कि राज्य में वित्तीय व्यवस्था के सफल संचालन का दायित्व लेखा और वित्त संवर्ग के अधिकारियों के पास होता है. प्रत्येक विभाग में कार्य के कुशल संपादन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का कार्य भी लेखा और वित्त अधिकारियों को दिया जाता रहा है, लेकिन वित्त विभाग द्वारा वर्षों से सफलतापूर्वक संचालित हो रहे कोषालय और उप कोषालय को बंद करने की कार्रवाई की जा रही है, साथ ही पेंशन विभाग और आंतरिक जांच विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों को बंद किए जाने की कार्यवाही की जा रही है. 


उप कोषालय के स्थान पर नवीन पे एंड अकाउंट्स ऑफिस व्यवस्था लागू कर लेखा संवर्ग की भूमिका को सीमित किया जा रहा है, वहीं आंतरिक जांच का कार्य लेखा संवर्ग के स्थान पर अन्य अधिकारियों या संविदा कर्मियों से करवाई जाने की योजना चल रही है. 


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लेकिन सरकार के इस फैसले से राज्य की वित्तीय व्यवस्था पर दुष्प्रभाव पड़ने और विभागों में वित्तीय अनियमितताएं होने की संभावना है. इन परिवर्तनों से ना केवल वित्तीय अनियमितता बढ़ने की आशंका है बल्कि इस नई व्यवस्था से लेखा संवर्ग के पदों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि लेखा सेवा के कार्यों के महत्व बचाने के लिए उन्हें मजबूरन आंदोलन का रुख करना पड़ेगा. 


ज्ञापन देने वालों में उप कोषाधिकारी घीसालाल खींची, मेवाराम बुगालिया, भंवरलाल कड़वासरा, गोकुल प्रसाद वैष्णव, छीतरमल आसेरी, घासीराम बाजिया, उगमाराम चाहर, राजेश शर्मा, सुनील नेहरा, हरेंद्र कुमार, मंजीत सिंह, धीरेंद्र गौड़, राजेंद्र कुमार, घासीराम बाजिया सहित लेखा विभाग के अनेक कार्मिक मौजूद रहे. 


Reporter : Hanuman Tanwar 


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