Sojat: ग्राम सेवा सहकारी समिति सरदार समंद के प्रतिनिधियों द्वारा जलदाय विभाग जंवाई परियोजना के अधिकारियों के विरूद्ध ग्राम सरदार समंद में पेयजल के लिए बन रही पानी की टंकी को रूकवाने को लेकर वाद और विविध प्रार्थना पत्र सिविल न्यायालय सोजत के समक्ष पेश किया था. विविध प्रार्थना पत्र को बाद सुनवाई न्यायाधीश शिवानी सेहरा ने खारिज कर दिया. राज्य सरकार की ओर से अपरलोक अभियोजक गजेन्द्र सोनी ने पैरवी की.


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अपरलोक अभियोजक सोनी ने बताया कि ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष हनवंत सिंह और व्यवस्थापक सावंतसिंह और शंकरदास वैष्णव ने जलदाय विभाग के जंवाई परियोजना के विरूद्ध प्रस्तुत वाद और विविध प्रार्थना पत्र में उल्लेखित किया कि खसरा नंबर 612 की भूमि में से ग्राम सेवा सहकारी समिति को भवन, गौदाम इत्यादि बनाने हेतु ग्राम पंचायत द्वारा वर्ष 2015 में निशुल्क भूमि आंवटन कर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया था, जिस पर ग्राम सेवा सहकारी समिति द्वारा ग्राम पंचायत द्वारा आंवटित भूमि पर भवन, गौदाम इत्यादि का निर्माण किया और मौके पर उक्त खसरे में अब कोई जमीन शेष नहीं है. प्रार्थीगण ने पानी की टंकी के निर्माण को रोकने के लिए प्रार्थना पेश किया.


जलदाय विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही कर वर्तमान ग्राम पंचायत से इसी खसरे में जलदाय विभाग के जंवाई परियोजना के तहत टंकी बनाने हेतु निशुल्क भूमि आंवटन कर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करवाया. अप्रार्थीगण जलदाय विभाग जंवाई परियोजना द्वारा जवाब प्रार्थना पत्र पेश कर निवेदन किया कि ग्राम पंचायत द्वारा खसरा नंबर 612 में पानी की टंकी बनाने हेतु ग्राम पंचायत में प्रस्ताव खसरा नंबर 612 में पानी की टंकी बनाने हेतु ग्राम पंचायत में प्रस्ताव पास कर निशुल्क अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया था, जिस पर जलदाय विभाग द्वारा नियमानुसार पानी टंकी का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था. 


प्रकरण में बाद सुनवाई न्यायालय ने प्रथम दृष्टया मामला प्रार्थीगण के पक्ष में नही माना कि ग्राम पंचायत सरदार समन्द द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र में खसरा नंबर 612 का उल्लेख नहीं है और ना ही इतने लंबे समय के बाद भी राजस्व रेकर्ड में ग्राम सेवा सहकारी समिति के नाम इन्द्राज है, जबकि खसरा नंबर 612 में पानी की टंकी बनाने हेतु ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव पास कर निशुल्क अनापत्ति पत्र जलदाय विभाग को जारी किया गया था. 


प्रार्थीगण ने ग्राम पंचायत द्वारा आंवटित भूमि बाबत कोई दस्तावेज पेश नहीं होने से और ग्राम पंचायत सरदार समन्द को पक्षकार बनाए जाने के पश्चात उनका नाम डिलीट करवाया गया. न्यायालय ने ऐसी स्थिति में प्रथम दृष्टया मामला प्रार्थीगण के पक्ष में नहीं माना और सुविधा का संतुलन और अपूरणीय क्षति भी प्रार्थीगण के पक्ष में नहीं मानते हुए प्रार्थीगण की ओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र को अस्वीकार कर खारिज कर दिया.


आर्य ने कराई थी योजना की स्वीकृति 
गौरतलब है कि पूर्व मुख्य सचिव और सलाहकार मुख्यमंत्री निरंजन आर्य ने सोजत विधानसभा क्षैत्र की नौ ग्राम पंचायतों को पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार से दांतीवाडा वॉटर डिस्ट्रीब्युशन इंदिरा गांधी नहर परियोजना के तहत ग्राम पंचायत धुरासनी, सरदार समन्द, झूपेलाव, राजोला कलां, चौपड़ा, चाड़वास सहित कई गांवों को पेयजल परियोजना से जोड़ा जाकर पेयजल हेतु पाईपलाईन और टंकियों के निर्माण का कार्य दु्रत गति से चालु है, ताकि भीषण गर्मी में पेयजल संकट से मुक्ति मिल सके.


Reporter: Subhash Rohiswal