बिपरजाय चक्रवाती तूफान से मारवाड़ जंक्शन में हुआ भारी नुकसान, प्रशासन कर रही है अनदेखा
काजीपुरा रोड पर खारची रोड सहित अनेक बस्तिया बरसात में लबालब हो जाती है. नाला एवं जल निकासी के लिए माकूल व्यवस्था नहीं होने की वजह से इन लोगों के घरों तक पानी पहुंच जाता है. यही हालात बिपरजाय चक्रवाती तूफान में देखने को मिले अनेक बस्तियां जलमग्न पड़ी है
Pali news: उपखंड मुख्यालय की आदर्श नगर ,काजीपुरा पंचायत समिति रोड पर खारची रोड सहित अनेक बस्तिया बरसात में लबालब हो जाती है. नाला एवं जल निकासी के लिए माकूल व्यवस्था नहीं होने की वजह से इन लोगों के घरों तक पानी पहुंच जाता है. यही हालात बिपरजाय चक्रवाती तूफान में देखने को मिले अनेक बस्तियां जलमग्न पड़ी है, और प्रशासन की तरफ से कोई राहत नहीं कुछ दिन पूर्व आया बिपरजाय चक्रवाती तूफान यहां कहर बनकर टूटा और अनेक रहवासी मकानों को लिल गया साथ ही अनेक घरों में अभी भी पानी भरा हुआ.
स्थानीय नगर वासियों द्वारा बार-बार नगर पालिका को अवगत कराया. उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. विधायक सांसद को ज्ञापन सौंपा परंतु कुछ नहीं हो पाया जिले का सबसे बड़ा उपखंड एवं एकमात्र रेलवे जंक्शन होने के बावजूद भी यहां समस्याओं के अंबार लगे और हर बार अधिकारी इस क्षेत्र को अनदेखा कर रह बरसात ऋतु में पूरे 4 महीने यहां समस्याओं के अंबार लगे रहते हैं, और मारवाड़ जंक्शन दो भागों में विभाजित जाता है. बिपरजाय तूफान के चलते यहां अनेक नए बने पुल भी घटिया सामग्री की वजह से टूट गए तो वहीं अनेक मकानों को नुकसान भी पहुंचा लेकिन प्रशासन की तरफ से अभी तक राहत नहीं पहुंची.
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बरसात पूरे 4 महीने तक मारवाड़ जंक्शन मुख्यालय मैं समस्याओं के अंबार देखने को मिलते है हो यह समस्या बीते कई वर्षों से बनी हुई नगर पालिका का गठन होने के बावजूद भी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई अनेक घरों में पानी पहुंचना नाला और नाली व्यवस्था नहीं होना नदियों पर पुल नहीं होना ओवरब्रिज नहीं होना यहां के प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की पोल खोल रहे. एक लाख से अधिक आबादी का आवागमन मार्ग भी इन बरसात की ऋतु में बंद हो जाता है.
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बरसों से दुदोड़ रोड नदी पर पुल बनाने की मांग उठी लेकिन मात्र मांग रह गई वही ओवरब्रिज की मांग बीते कई वर्षों से की जा रही है स्थानीय विधायक एवं सांसद ने अपने फायदे के लिए स्टेट हाईवे को उपखंड मुख्यालय से दूर होकर निकाला ओवरब्रिज नहीं बनने से आज मारवाड़ जंक्शन केइस क्षेत्र के 2 लाख से अधिक आबादी को मुश्किलें उठानी पड़ रही प्रशासन लाख दावे करता है धरातल पर देखा जाए तो यकीनन बरसात ऋतु मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र वासियों के लिए बैरन बन कर आती है.