Jaipur, Rajasthan : ये बात आपातकाल के समय की है. साल 1975-76 की. जयपुर के बाहरी हिस्से का आमेर. आमेर का किला जयपुर की सियासत का प्रतीक होता है. इसी किले के आसपास के एरिया में करीब एक सप्ताह के लिए कर्फ्यू लगा लिया गया था. कोई भी जबरदस्ती किले की ओर बढ़े तो उसे गोली मारने का आदेश था. वजह, किले में खुदाई चल रही थी. मानसिंह के खजाने को ढ़ूंढ़ा जा रहा था. जब खज़ाना मिला. तो उसे दिल्ली ले जाने के लिए दिल्ली जयपुर हाईवे पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया. उस पर तीन दिन तक सिर्फ सेना के ट्रक ही चले. ये सेना के ट्रक जयपुर से दिल्ली एयरपोर्ट गए. वहां पहले से तैयार विमानों में लादकर ये खजाना स्वीटजरलैंड भेजा गया. इसकी पूरी मॉनिटरिंग इंदिरा गांधी सरकार में सबसे पावरफुल संयज गांधी कर रहे थे. कुछ इसी तरह की कहानियां कई लोगों की जुबान पर आज भी सुनने को मिलती है. 


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कहां से आया था खज़ाना


आमेर किले में भारी मात्रा में खजाने का ताल्लुक मुगल काल से है. कुछ इतिहासकारों का कहना है कि अकबर ने जब अफगानिस्तान पर हमला किया था. वहां से जो खजाना लूटकर लाया था. उसे जयपुर के इसी किले में छिपाया गया था. टंकियों में भरतकर जमीन के नीचे और दीवारों में ये छिपाया गया था. 


जयपुर राजपरिवार और इंदिरा गांधी के रिश्ते


इन दोनों परिवारों के बीच दुश्मनी 1962 से ही शुरू हो गई थी. इस चुनाव में जयपुर महारानी गायत्री देवी ने कांग्रेस के खिलाफ जयपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और बड़े अंतर से जीती थी. इसके बाद अगले दोनों चुनाव 1967 और 1971 में भी गायत्री देवी ने जीत हासिल की. इस तरह कांग्रेस को टक्कर देने वाले शुरूआती चेहरों में वो शामिल थी. गायत्री देवी अपने भाषणों में भी इंदिरा गांधी पर निशाना साधती थी.


आपातकाल के दौरान गायत्री देवी और उनके बेटे भवानीसिंह ( ब्रिगेडियर ) को जेल में डाल दिया गया था. वो करीब 5 महीने तक दिल्ली के तिहाड़ जेल में रहे थे. जब महारानी गायत्री देवी और ब्रिगेडियर भवानी सिंह जेल में थे. उसी समय आमेर के किले में छापेमारी हुई थी. लोगों में इस तरह की कहानियां आज भी चलती है. कि इस किले में इतना खजाना मिला था. जिसे ले जाने में सेना के ट्रक तीन दिनों तक लगे रहे थे. हालांकि उस वक्त किले की खुदाई में क्या मिला. इसका ऑफिशियली आज तक कहीं कोई जिक्र नहीं किया गया है. कई इतिहासकारों का कहना है कि उस समय यहां से 60 ट्रक सोना चांदी और जेवरात मिले थे.


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हालांकि इस बारे में रूस के एक अखबार ने जरूर छापा था. वीकली अखबार सेंट पीटर्सबर्ग ने पूरी स्टोरी छापी थी. उस स्टोरी में गायत्री देवी की गिरफ्तारी से शुरू हुए मिशन के सर्च ऑपरेशन तक पहुंचने की पूरी कहानी है. अखबार ने दावा किया था कि 1.70 लाख डॉलर की कीमत के रुपए मिले थे. सोने की सिल्लियां मिली थी यहां मिली थी.


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