Rajasthan election 2023: अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच कुछ दिन पहले दिल्ली में राहुल गांधी ने समझौता कराने की कोशिश की. मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई बैठक के बाद सहमति को लेकर बयान दिए गए. केसी वेणुगोपाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दोनों ने आलाकमान पर फैसला छोड़ दिया है. दोनों मिलकर अब राजस्थान चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करेंगे. समझौता क्या हुआ, इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं आया. अलग-अलग अनुमानों के बीच पर दोनों नेता फिर आमने सामने हो गए है.


दौसा में सचिन पायलट


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11 जून को राजेश पायलट की पुण्यतिथि के मौके पर दौसा में हुए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने बड़ा बयान दिया था. पायलट ने कहा था कि जब मैं युवाओं और बेरोजगारों को उनका हक दिलाने की बात करता हूं तो लोग कहते है मानसिक दिवालियापन हो गया है. भ्रष्टाचार के खिलाफ और युवाओं के हितों में मेरी लड़ाई जारी रहेगी.


अब अशोक गहलोत का बयान


आज बांसवाड़ा में आयोजित एक कार्यक्रम में अशोक गहलोत ने भी बड़ा बयान दिया. CM ने MLA रमीला खीड़िया का जिक्र करते हुए कहा कि अगर ये नहीं होती तो मैं मुख्यमंत्री के रूप में आज यहां नहीं होता. मध्यप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में साजिशों से सरकारें गिरी. लेकिन राजस्थान में नहीं गिरी. इस महिला ने बहुत मदद की.


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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंच से विधायक रमीला खीड़िया की तारीफ करते हुए लोगों से ताली बजाने का आह्वान भी किया. सिर्फ इतना ही नहीं, मंच से ही रमिला खिड़िया की मांगों पर भी घोषणा करते हुए कहा कि ये महिला कुछ भी मांगे, मैं मना नहीं कर सकता.


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अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच आलाकमान की कई घंटों की मीटिंग के बाद ये माना जा रहा था कि अब राजस्थान कांग्रेस की लड़ाई शांत हो जाएगी. लेकिन दोनों नेताओं ने फिर से सीधी बयानबाजी शुरू कर दी है. पायलट ने मानसिक दिवालियापन वाले मामले पर जवाब देते हुए अपनी लड़ाई जारी रखने की बात कही है तो वहीं अशोक गहलोत अब भरे मंचों से मानेसर का जिक्र कर रहे है. ऐसे में क्या ये माना जाए कि दिल्ली में जो सुलह की कोशिशें हुई थी. वो विफल रही.


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