Ashok Gehlot - SN Subbarao : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सियासत का माहिर खिलाड़ी कहा जाता है. वह कब अपने सियासी जादू से बाजी पलट दें कहा नहीं जा सकता और इसी की बदौलत उन्होंने कई बार अपनी सत्ता भी बचाई और विरोधियों को पटकनी भी दी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सियासत की एबीसीडी अपने गुरु से ही सीखी है और वह कहते हैं कि मैं जीवन भर अपने गुरु के पद चिन्हों पर चलूंगा.


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दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुरु का नाम एसएन सुब्बाराव है. हालांकि अब वह दुनिया में नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत के सियासी जीवन में उनका अक्स जरूर दिखाई देता है.


कौन थे एसएन सुब्बाराव


एसएन सुबाराव महात्मा गांधी से बेहद प्रेरित थे. 1972 में सुब्बाराव ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के चंबल के बीहड़ों के 650 से ज्यादा डकैतों को सरेंडर करवा दिया था, इनमें कई कुख्यात इनामी डकैत भी शामिल थे. यह एसएन सुब्बाराव के ही विचार थे जिस से प्रेरित होकर इन डकैतों ने आत्मसमर्पण कर दिया था. सुब्बाराव के लिए कहा जाता है कि उन्होंने अपने लंबे जीवन काल के दौरान कभी भी गांधी के विचारों को त्याग नहीं. 1972 में ही सुब्बाराव ने गांधी सेवा आश्रम की शुरूआत की थी. जिसकी देशभर में चर्चा हुई.


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बी एसएन सुब्बाराव के ही नक्शे कदम पर चलते हैं और इसी की बानगी है, कि मुख्यमंत्री गहलोत हमेशा सफेद, कुर्ता-पजामा और गांधीवादी टोपी में ही दिखाई देते हैं यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का लोहा मानते हैं.


साल 2021 में एसएन सुब्बाराव ने जयपुर में अंतिम सांस ली थी जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार उनके मध्य प्रदेश स्थित पैतृक गांव में किया गया था. सुब्बाराव का जिक्र कर मुख्यमंत्री गहलोत कई बार कह चुके हैं कि मैंने गांधीवादी विचारधारा उनसे ही सीखी है और इसे ही अपने जीवन का उद्देश्य बनाया है. जिसकी बदौलत में आज यहां तक पहुंच जाऊं मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि उनके पद चिन्हों पर चलना, मेरे लिए बड़ी बात है और मैं इसे ही फॉलो करता हूं. एसएन सुब्बाराव के निधन को मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी निजी क्षति बताई थी.


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