Sachin Pilot : राजस्थान के जयपुर में पिछले करीब एक सप्ताह से पुलवामा हमले में शहीद हुए भरतपुर ( Bharatpur ) के सपूत की विधवा पत्नी धरने पर है. किरोड़ीलाल मीणा ( Kirodilal meena ) के नेतृत्व में ये धरना चल रहा है. विधानसभा के दरवाजे पर भी धरना दिया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok gehlot ) से मिलने की कोशिश भी की. राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलकर अपनी पीड़ा भी सुनाई. बारिश के बीच भी धरना स्थल पर डटे रहे. पुलिस के धक्के और कथित जोर जबरदस्ती का सामना भी किया. लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई. तो आज होली के दिन वीरांगनाएं सचिन पायलट से मिलने उनके आवास पर पहुंची.


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सचिन पायलट के आवास के बाहर अचानक हुए इस घटनाक्रम से काफी हंगामा भी हुआ. महिलाएं जमीन पर ही बैठ गई. सचिन पायलट ने पहले उनसे आवास परिसर में जमीन पर बैठकर ही मुलाकात की. उसके बाद घर के अंदर कुर्सियों पर बिठाकर उनकी बात को सुना. 


सचिन पायलट ने कही ये बात


पायलट ने मीडिया से बात करते हुए कहा. सरकार अगर काम करना चाहती है. अगर इच्छाशक्ति है, तो हर समस्या का समाधान हो सकता है. पिछले दो तीन दिन में जो घटनाक्रम हुआ वो निंदनीय है. ऐसा नहीं होना चाहिए था. जो लोग इस तरह के बर्ताव के लिए जिम्मेदार है. उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. पूरे देश ने देखा है कि एक महिला, जो विधवा है, जो एक शहीद की पत्नी है, वीरांगना है, उनसे ऐसा बर्ताव शोभा नहीं देता. जिन पुलिस अधिकारियों ने इस तरह का व्यवहार किया है उन पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए.


दिल्ली जाने की मिली थी खबर


आपको बता दें कि आज सुबह ही इस तरह की खबरें सामने आई थी कि धरने पर बैठी वीरांगनाएं अचानक वहां से लापता हो गई. ये माना गया कि उनको दिल्ली ले जाया जा रहा है. वहां कांग्रेस कार्यालय ले जाएंगे या गांधी परिवार से मिलवाने की कोशिश की जाएगी. ऐसे कयास दोपहर तक लगते रहे. इसी बीच अचानक पुलिस के खूफिया तंत्र को चकमा देते हुए ये सिविल लाइंस में सचिन पायलट के आवास तक पहुंच गए.


किरोड़ीलाल मीणा भी रहे मौजूद


सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) के आवास के बाहर जिस वक्त ये पूरा घटनाक्रम चल रहा था. उस समय किरोड़ीलाल मीणा ( Kirodilal meena ) भी वहां मौजूद थे. पायलट के आवास के बाहर मेडिकल की दुकान पर मीणा बैठ गए थे. मीडिया से बात करते हुए उन्होनें कहा कि गवर्नर से मिलने के बाद मुख्यमंत्री  ( Ashok gehlot ) निवास पर गए. तो वहां पुलिस ने इन महिलाओं को चोटी पकड़कर घसीटा. अपमानित किया गया. गंभीर रूप से घायल महिला को अस्पताल ले जाया गया. मीणा ने कहा कि जब तक इन वीरांगनाओं का मान और सम्मान नहीं लौटाया जाता है. तब तक ये संघर्ष जारी रहेगा.


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