Ashok Gehlot - Sachin Pilot : राजस्थान कांग्रेस में चुनाव को लेकर एक्सरसाइज जोरों पर है. जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत योजनों के जरिए घर-घर तक पहुंचने को तैयार हैं तो वहीं अब संगठन स्तर पर भी पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा जान फूंकने में जुटे हुए हैं, लेकिन इस पूरी सियासी पिक्चर से पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट नदारद हैं. इसी बीच केंद्रीय आलाकमान ने भी सचिन पायलट को झटका दे दिया है.


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दरअसल अब कांग्रेस हाई कमान से भी साफ़ संकेत मिलने लगे हैं कि भले ही सचिन पायलट पार्टी के एसेट हो, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत का कद पार्टी में बहुत बड़ा है. इसकी बानगी फिर एक बार तब देखने को मिली जब कर्नाटक चुनाव के स्टार प्रचारकों की सूची जारी की गई. सूची में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का तो नाम था, लेकिन सचिन का नाम नदारद दिखाई दिया.


कांग्रेस की ओर से जारी की गई सूची में सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का नाम है, साथ ही इस सूची में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी नाम भी है, लेकिन सचिन पायलट का नाम नहीं. पायलट का नाम ना होना इसलिए भी चौकाने वाला है क्योंकि पार्टी हर चुनाव में पायलट को स्टार प्रचारक बना कर भेजती है. फिर चाहे बात हिमाचल के चुनाव के हो या यूपी और एमपी के उपचुनाव हर चुनाव में सचिन पायलट स्टार प्रचारक के रूप में रहे हैं. 


गौरतलब है कि पिछले दिनों सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन किया था, जिसे प्रभारी ने अनुशासनहीनता बताते हुए करवाई की बात कही थी, हालांकि अभी तक उनपर कोई एक्शन नहीं लिया गया है. इसके बाद कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर एक एक विधायक को बुलाकर उनसे फीडबैक लिया गया, लेकिन पायलट ने इससे भी दूरी बना ली. इसके बाद जयपुर में कांग्रेस सम्मेलन में भी पायलट नहीं पहुंचे. 


कुलमिलाकर जहां कांग्रेस पार्टी अशोक गहलोत के साथ नजर आ रही है. उनकी योजनाओं की तारीफें कर रही है, और सचिन पायलट जिस तरह से पार्टी से दूर होते जा रहे हैं. लिहाजा ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों में सचिन पायलट भी पूरी पार्टी के साथ कदमताल मिलाते हैं या इसी तरह दूरियां बढ़ती जाएगी. 


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