Jaipur News: बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद कहा कि लोग कहते हैं कि उपनेता का कोई संवैधानिक दर्जा नहीं होता, पर मुझे लगता है कि ईमानदारी और परिश्रम के आगे वह दर्जे कभी मोहताज नहीं होते. 


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पार्टी ने जो भूमिका मुझे दी है, जिस रूप में दी है और जिस मंतव्य के साथ दी है, इसलिए हमारे यहां एक शब्द है संगठन सर्वोपरि, संगठन के लिए जिस भूमिका में पार्टी जिम्मेदारी दे, मैं तो पहले भी कह चुका हूं कि मुझे पार्टी झाड़ू पोंछा लगाने की जिम्मेदारी भी देगी तो करूंगा.


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भाजपा विधायक दल की बैठक में सतीश पूनिया ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष पद की अपनी गरिमा है, तपस्वी राजनेता स्वर्गीय भैरोंसिंह शेखावत ने, वसुंधरा राजे ने, गुलाबचंद कटारिया ने बड़ी शिद्दत के साथ इस भूमिका का निर्वहन किया है. 


प्रतिपक्ष का नेता यह अपने आपमें ऐसे समय में महत्वपूर्ण हो जाता है कि कांग्रेस के कुशासन और जंगलराज के खिलाफ 2023 में हम संघर्ष कर रहे हैं और 2024 में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे. नरेंद्र मोदी जी की बुनियादी विकास की जो नीतियां हैं और जो वैचारिक मुद्दों का समाधान किया, इनको हम जन जन तक पहुंचाने के लिए और अथक परिश्रम करेंगे.


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मुख्य कार्यकर्ता की जिम्मेदारी मिली
पार्टी के एक मुख्य कार्यकर्ता के नाते मेरे जैसे छोटे एक सामाजिक कार्यकर्ता और किसान परिवार में जन्मे कार्यकर्ता को दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक संगठन भाजपा के मुख्य कार्यकर्ता की जिम्मेदारी मिली. राजस्थान में सड़क से लेकर सदन तक जनहित के तमाम मुद्दे थे, जिन पर अलख जगाने का काम हम सब लोगों ने किया.


परिवार के मुखिया के नाते बहुत बड़ी चुनौती होती 
मैं पार्टी के विधायक दल का और पार्टी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करता हूं और हो सकता है मुझसे भी कोई त्रुटि हुई हो, इतने बड़े परिवार में जब हम काम करते हैं तो बहुत सारी चीजें होती हैं, सबको प्रसन्न रखना और संतुष्ट रखना एक परिवार के मुखिया के नाते बहुत बड़ी चुनौती होती है.


भाजपा में मुझे तीन पीढ़ियों के साथ काम करने का मौका मिला 
पूनिया ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि भाजपा में मुझे तीन पीढ़ियों के साथ काम करने का मौका मिला और मैं अपने आपको संतुष्ट पाता हूं कि पार्टी ने जो मुझे भूमिका दी थी, उसे पूरा करने के लिए परिश्रम और ईमानदारी से निर्वहन किया और हमेशा करता रहूंगा.


हमारे यहां अध्यक्ष पद इंस्टीट्यूशनल होता है, संस्थागत होता है, वह ना किसी व्यक्ति का होता है और ना किसी जाति का होता है. अध्यक्षीय परंपरा में जेपी माथुर जी से लेकर और मुझ तक जो जिम्मेदारी मिली, उन्होंने इस पार्टी को विराट रूप देने में कहीं ना कहीं सफलता हासिल की है.


प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनाएंगे
सीपी जोशी जी को बधाई देता हूं कि उनको एक कार्यकर्ता के नाते प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी का सौभाग्य मिला, पार्टी के विधायक दल के नाते और एक सामान्य कार्यकर्ता के नाते सीपी जोशी जी को भरोसा दिलाता हूं राजस्थान के हम सब कार्यकर्ता पूरी मजबूती के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ परिश्रम करेंगे और 2023 में कांग्रेस की अराजक सरकार को उखाड़ फेंकेगे और प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनाएंगे.


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