Om Birla : नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद ने उठाया 370 का मुद्दा, ओम बिरला ने दिया ये करारा जवाब
Rajasthan Politics : नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद ने 370 का मुद्दा उठाया तो, लोकसभा के स्पीकर Om Birla ने उन्हें करारा जवाब दे दिया.
Rajasthan News : श्रीनगर से नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के MP आगा रुहुल्लाह मेहदी ने बुधवार को Om Birla को लोकसभा के स्पीकर चुने जाने पर शुभकामनाएं दीं. अपने पहले भाषण में, उन्होंने अनुच्छेद 370 और मुस्लिम सांसदों को आतंकी कहने के मुद्दे पर चर्चा की. रुहुल्लाह की टिप्पणी से ओम बिरला असहज हो गए और उन्होंने रुहुल्लाह को सदन की कार्यवाही को ठीक से समझने और फिर इस तरह की टिप्पणियां करने की सलाह दी.
आप पार्टी नहीं, संविधान के रक्षक- रुहुल्लाह
रुहुल्लाह ने ओम बिरला को बधाई देकर अपने भाषण की शुरुआत की और कटाक्ष करते हुए कहा, 'आज के बाद आप (ओम बिरला) किसी पार्टी के नहीं बल्कि संविधान के संरक्षक हैं. उम्मीद है कि आप इस जिम्मेदारी को निभाएंगे. सदन में आपको याद किया जाएगा कि आपने सत्ता पक्ष को विपक्ष की बात सुनने पर मजबूर किया या विपक्ष को चुप किया.'
एक मुसलमान सांसद को आतंकी कहा गया - रुहुल्लाह
आगे उन्होंने कहा, 'आपको (बिरला को) इस बात के लिए याद किया जाएगा कि जब लोकसभा में एक मुसलमान सांसद को आतंकी कहा गया, तो आपने (बिरला ने) इस अनुचित आवाज को खामोश किया या उसे उठने दिया. अगर लोकसभा में एक मुसलमान सांसद को आतंकी कहा जा सकता है, तो सड़कों पर उन्हें आतंकवादी कहना भी आसान हो जाएगा.'
बोलते समय ध्यान रखें - ओम बिरला
इस पर ओम बिरला ने जवाब दिया, 'यह सदन का पहला दिन है. आप बोलते समय इस बात का ध्यान रखें कि क्या टिप्पणी कर रहे हैं. पहले पूरे कार्यकाल को देखें, फिर टिप्पणी करें.' रुहुल्लाह ने पुनः बात शुरू करते हुए कहा, 'भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है. अनुच्छेद 370 का बिल एक मिनट में लाया गया और आधे घंटे में पास कर दिया गया.'
अनुच्छेद 370 पर साढ़े नौ घंटे तक हुई थी चर्चा - बिरला
उनकी इस बातचीत के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया. इस पर ओम बिरला ने सबको शांत कराते हुए कहा, 'इनको (रुहुल्लाह को) ज्ञान नहीं है कि इस (अनुच्छेद 370 को निरस्त करने वाले बिल पर) पर साढ़े नौ घंटे तक चर्चा हुई थी.' लोकसभा में ध्वनिमत से बिरला लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुने गए. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी परंपरा के अनुसार उन्हें आसन तक लेकर गए. ओम बिरला ने 18वीं लोकसभा के अपने पहले संबोधन में आपातकाल को याद किया. हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई.