Modi Cabinet Expansion: 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं, लेकिन उससे पहले राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, लिहाजा ऐसे में हमेशा चुनावी मोड में रहने वाली भाजपा पूरी तरह से इलेक्शन में उतरने के लिए तैयार है. इसी कड़ी में संगठन में बड़े स्तर पर फेरबदल की तैयारी है. इसी बीच केंद्र की मोदी सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल के भी चर्चाएं हैं.


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लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा अपने पुराने साथियों को साधने में जुटी हुई है, लिहाजा इसी कड़ी में माना जा रहा है कि जल्द होने वाले मंत्रिमंडल फेरबदल में शिरोमणि अकाली दल, एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान), राष्ट्रीय जनता दल और तेलुगू देशम पार्टी जैसे पुराने दल को भाजपा अपने मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है. 


दरअसल पिछले दिनों पटना में नितीश कुमार की अगुवाई में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में विपक्षी एकता बनाने की कोशिश की गई. ऐसे में बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव में किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. ऐसे में भाजपा एक बार फिर अपने पुराने सहयोगियों से संपर्क साध रही है. वहीं इन साथियों को दोबारा एनडीए में शामिल करने के बदले मोदी मंत्रिमंडल में इन पार्टी के नेताओं को जगह दी जाएगी. 


मोदी मंत्रिमंडल फेरबदल में कौन बन सकता है मंत्री


हरसिमरत कौर बादल


किसान आंदोलन के वक्त शिरोमणि अकाली दल से भाजपा का गठबंधन टूट गया था, लेकिन अब लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा एक बार फिर शिरोमणि अकाली दल को मनाने में जुटी हुई है. शिरोमणि अकाली दल का पंजाब में बड़ा जनाधार है, जिसे भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में भुनाना चाहती है, ऐसे में शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर एक बार फिर मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में दिखाई दे सकती हैं.


चिराग पासवान


लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के नेता चिराग पासवान भी मोदी मंत्रिमंडल में दिखाई दे सकते हैं, चिराग पासवान कई मर्तबा खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बता चुके हैं. आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद चिराग पासवान लगाता नीतीश कुमार पर हमलावर हैं. हाल ही में चिराग को Z कैटेगरी की सुरक्षा भी दी गई है. बिहार में तकरीबन 6% दलित समुदाय LJP के साथ बताए जाता हैं, लिहाजा ऐसे में बिहार जैसे अहम राज्य में महागठबंधन से मुकाबला करने के लिए भाजपा को भी अपने पुराने साथियों की दरकार है. ऐसे में चिराग पासवान की किस्मत खुल सकती है.


उपेंद्र कुशवाहा


राष्ट्रीय जनता दल पहले से एनडीए का हिस्सा बन चुकी है. कुशवाहा राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा पहले भी मोदी कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं, अब बीजेपी एक बार फिर कुशवाहा को मंत्री बनाकर कुशवाहा वोट बैंक को अपने पाले में करना चाहती है. हालांकि नीतीश कुमार की इस वोट बैंक में पहले से ही पैठ है,


शिवसेना - शिंदे गुट


महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी को गिरा कर भाजपा के साथ आ गए और सरकार बना ली. पिछले 1 साल से एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में सरकार चल रही है. अब माना जा रहा है कि शिंदे गुट को केंद्र की मोदी सरकार में भी प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. शिवसेना पहले भी मोदी सरकार में शामिल रह चुकी है.


तेलुगू देशम पार्टी


चंद्रबाबू नायडू की नेतृत्व वाली तेलुगू देशम पार्टी पहले ही एनडीए का हिस्सा बन चुकी है. ऐसे में दक्षिण का बड़ा राज्य कर्नाटक हारने के बाद अब भाजपा दक्षिण में किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है, ऐसे में आंध्र प्रदेश में भाजपा चंद्रबाबू नायडू के साथ गठबंधन कर आगे बढ़ना चाहती है, लिहाजा तेलुगू देशम पार्टी के किसी एक सांसद को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है. 


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