Rajasthan Politics : केंद्र में मोदी कैबिनेट 3.0 के गठन के बाद अब राजस्थान में बीजेपी के अंदर बहुत कुछ बदलने की संभावना है. वजह है राजस्थान में लोकसभा चुनाव में पार्टी का कमजोर प्रदर्शन. बीजेपी के हार के कारणों पर सीएम भजनलाल की केंद्रीय नेताओं के साथ बातचीत और एनडीए की बैठक के दौरान सीएम भजनलाल के चेहरे की मुस्कान से कई कयास लगाये जा सकते हैं.


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बीजेपी मान रही थी की राजस्थान में पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान 25 सीटों में से महज 5 सीटों का ही नुकसान होगा. लेकिन रिजल्ट ने सबको चौंका दिया. हांलाकि 13 से 19 सीटें बीजेपी के खाते में जाने की भविष्यवाणी जी मीडिया अपने एक्जिट पोल में की थी जो सटीक बैठी.


रिजल्ट के बाद अब हाल फिलहाल भजनलाल मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना कम है. हां ये जरूर हो सकता है कि बीजेपी अपने नाराज चल रहे कुछ वरिष्ठ नेताओं को कुछ बड़ी जिम्मेदारी दे दे. जिनमें सबसे पहले नाम आता है, वसुंधरा राजे का. लोकसभा चुनाव 2024 के पूरे प्रचार अभियान के दौरान राजे की भूमिका ना के बराबर रही.


वो बात अलग है की राजे ने बारां झालावाड़ लोकसभा सीट पर खूब प्रचार किया और बेटे दुष्यंत सिंह को 5वीं बार सांसद पद दिलाया. अगर बीजेपी ने राजे को चुनाव प्रचार के दौरान फेस बनाया होता, तो संभवता राजपूत वोटबैंक नहीं फिसलता. ऐसे में अब राजे की सक्रिय राजनीति में वापसी को तय माना जा सकता है.


बीजेपी को इस लोकसभा चुनाव में शेखावाटी में भी हार का सामना करना पड़ा. शेखावाटी के ज्यादातर परिवार सेना से जुड़े है. जो अग्निवीर योजना से नाराज थे. शेखावाटी पर अपनी पकड़ रखने वाले सतीश पूनियां भी विधानसभा चुनाव प्रभारी के रूप में हरियाणा में सेवाएं दे रहे थे.


विधानसभा चुनाव से पहले तक प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए सतीश पूनियां ने एक नई टीम बना ली थी. शेखावाटी से आने वाले पूनिया की जाट बेल्ट में सक्रियता बीजेपी को फायदा दिला सकती थी , लेकिन ऐसा ना हो सका. ऐसे में अब सतीश पूनिया को बीजेपी राजस्थान में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है.


लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट के बाद ओम बिरला की भूमिका भी बदलती दिख रही है. पिछली सरकार में लोकसभा अध्यक्ष रहे, ओम बिरला, इस बार नई जिम्मेदारी में दिख सकते हैं. एनडीए सरकार सहयोगी दलों के साथ मिलकर बन रही है, ऐसे में फिर से ओम बिरला को ये ही पद मिल पाना मुश्किल होगा.