Rajasthan Politics News:राजस्थान सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में अग्निवीर का मुद्दा अब स्थानीय राजनीति को प्रभावित करने लगा है. लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के शेखावटी क्षेत्र में इस मुद्दे ने काफी असर दिखाया. अब एक बार फिर कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर मुखर हो रही है. आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस इस मुद्दे पर बड़ा स्टैण्ड लेने की तैयारी में है.


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संसद के विशेष सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को अपनी बात रखी. राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान अग्निपथ स्कीम को लेकर पीएम मोदी और बीजेपी पर हमला किया.



राहुल गांधी ने अग्निपथ स्कीम पर हमला करते हुए संसद में कहा कि एक छोटे से घर का अग्निवीर शहीद हुआ, मैं उसे शहीद कह रहा हूं लेकिन भारत की सरकार उसको शहीद नहीं कहती, नरेंद्र मोदी उसे शहीद नहीं कहते, नरेंद्र मोदी उसे अग्निवीर कहते हैं. राहुल गांधी ने कहा कि उस परिवार को पेंशन नहीं मिलेगी. उसको शहीद का दर्जा नहीं मिलेगा.



संसद के भीतर दिए भाषण में राहुल गांधी का ये बयान यूं नहीं आया है. ​राहुल गांधी ने अपने भाषण में अग्निवीर के मुद्दे को शामिल कर ना केवल देश के युवाओं का साध रहे है बल्कि राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र सहित उत्तर भारत के कई राज्यों की राजनीति को कांग्रेस की ओर झुकाव बढाने की कवादय कर रहे हैं. 



लोकसभा चुनाव के दौरान शेखावटी क्षेत्र में कांग्रेस की जीत में इस मुद्दे ने काफी अहम भूमिका निभाई है. शेखावाटी क्षेत्र में अग्निपथ योजना के आर्थिक प्रभाव खासे चौंकाने वाले हैं. 16 जून, 2022 को अग्निपथ योजना लागू होने तक शेखावाटी के तीन जिलों झुंझुनूं, सीकर और चूरू में करीब छह लाख युवा सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे थे. 



लेकिन कुछ समय में अब इनकी संख्या घटकर 40,000-50,000 रह गई है. अग्निपथ योजना लागू होने तक अकेले चिड़ावा शहर में आर्मी भर्ती की तैयारी के लिए 67 कोचिंग संस्थान चलते थे जिनकी संख्या अब महज 13 रह गई है. जो चल रहे हैं, वे भी अब बंद होने के कगार पर हैं.



अग्निवीर योजना राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र के साथ ही कई राज्यों के सामाजिक ताने-बाने पर भी असर डाल रही है. कुछ साल पहले तक सेना में भर्ती होने वाले युवा शादी के लिए पहली पसंद थे. अब अग्निपथ के आने के बाद कोई भी पिता अपनी बेटी की शादी उनसे नहीं कराना चाहता. 



सीकर से माकपा के सांसद अमराराम चौधरी कहते है कि कई रिश्ते तो महज इस वजह से टूट गए क्योंकि लड़का सेना में अग्निवीर के तौर पर भर्ती हुआ था. लड़की के परिजनों को जैसे ही इस बात का पता चला कि लड़का स्थायी सैनिक नहीं बल्कि अग्निवीर है तो उन्होंने रिश्ता तोड़ने में बिल्कुल समय नहीं लगाते. क्योकि चार साल बाद फिर से वो युवा तो बेरोजगार हो जाएगा



बहरहाल कांग्रेस अग्निवीर के मुद्दे को लेकर ना केवल राजस्थान बल्कि आगामी जिन राज्यों के विधानसभा चुनाव वहां भी एक बड़ा मुद्दा बनाना चाहती है. इस योजना के जरिए कांग्रेस महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली, झारखण्ड के युवाओं को साधना चाहती है. तो दूसरी राजस्थान में होने वाले विधानसभा के उपचुनावों में भी इसे भुनाना चाहती है. 


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