Rajasthan Politics : राजस्थान में जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं वैसे-वैसे सियासी समीकरण भी बदलते दिखाई दे रहे हैं. कुछ ऐसे ही बदले-बदले समीकरण बीकनेर में दिखाई दे रहे हैं, जहां किसान नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी बड़ा किसान सम्मलेन कर रहे हैं. इस किसान सम्मलेन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और हरयाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहुंचे. साथ ही प्रदेश के 60 विधायकों और मंत्रियों को भी बुलाया गया, लेकिन सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इस सम्मलेन के लिए सचिन पायलट को निमंत्रण तक नहीं भेजा गया. 


डूडी का शक्ति प्रदर्शन


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दरअसल बीकानेर के नोखा के पास यह भव्य किसान सम्मलेन आयोजित हो रहा है. इस सम्मलेन का नेतृत्व रामेश्वर डूडी कर रहे हैं, इस सम्मलेन को डूडी का शक्ति प्रदर्शन कहा जा रहा है. कभी सचिन पायलट और रामेश्वर डूडी के रिश्ते बेहद सहज थे, लेकिन वक्त के साथ इन रिश्तों में धूल जमती गई और दूरियां बढ़ती चली गई.


पायलट से पहले दोस्ती, अब दूरियां


भाजपा सरकार के दौरान जहां रामेश्वर डूडी नेता प्रतिपक्ष थे तो वहीं सचिन पायलट प्रदेश अध्यक्ष, ऐसे में दोनों की जोड़ी हर जगह एक साथ संघर्ष करती नजर आती थी, दोनों ने वसुंधरा सरकार के खिलाफ साथ में पैदल यात्रा भी की थी, लेकिन आज दोनों के राहें अलग हो चुकी हैं, साल 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे को लेकर दोनों के बीच जमकर तू-तू मैं-मैं हुई. दोनों अपने समर्थकों को टिकट दिलवाना चाहते थे, जिसके बाद दोनों के रिश्तों में खटास आ गई.


गहलोत से बिगड़े रिश्तें, अब बने


इसके बाद साल 2018  में डूडी विधानसभा चुनाव हार गए, साल 2019 में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव के दौरान डूडी के रिश्ते सीएम गहलोत से भी खराब हो गए, यहां तक कि वैभव गहलोत के चुनाव जीतने के बाद डूडी ने गहलोत को धृतराष्ट्र तक बता दिया था, जिसके बाद कुछ वक्त तक दोनों रिश्ते असहज रहे. इसके बाद साल 2021 में  राजस्थान कृषि उद्योग विकास बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया. जिसके बाद अब एक बार फिर गहलत और डूडी के रिश्तों में सियासी गर्मजोशी देखने को मिल रही है.


सियासी जानकारों का कहना है कि डूडी की गहलोत से नजदीकियों की वजह से ही पायलट से दूरियां देखने को मिल रही है. वहीं इस सम्मलेन को सचिन पायलट के अनशन के जवाब के रूप में भी देखा जा रहा है. जहां पूरी मंच पर कांग्रेस एकजुटता का मेसेज देती दिखाई देगी तो वहीं पायलट अलग-थलग दिखाई दे रहे हैं. माना जा रहा है कि इसे चलते आगामी दिनों में प्रदेश की सियासत में एक नया समीकरण दिखाई देगा.


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