जहां नहीं पहुंचा नेटवर्क, वहां पहुंच रहे रविंद्र भाटी, छात्र राजनीति से अब विधानसभा का सफर तय करने की तैयारी
Ravindra Singh Bhati: जहां मोबाइल नेटवर्क भी नहीं पहुंच पाए है. वहां जय नारायण विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष रहे रवींद्र सिंह भाटी शिव विधानसभा क्षेत्र मे जन संवाद यात्रा निकाल रहे हैं.
Ravindra Singh Bhati: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले पूरे प्रदेश में उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक यात्राएं निकाली जा रही है, लेकिन सरहदी जिले बाड़मेर में एक अनौखी यात्रा निकाली जा रही है, यह यात्रा हाइवे या मुख्य शहर नहीं बल्कि उन इलाकों गुजर रही है, जहां आजादी के 75 साल बाद भी सड़के तो दूर मोबाइल नेटवर्क भी नहीं पहुंच पाए है. वहां जय नारायण विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष रहे रवींद्र सिंह भाटी शिव विधानसभा क्षेत्र मे जन संवाद यात्रा निकाल रहे हैं.
दरअसल रवींद्र सिंह भाटी शिव विधानसभा क्षेत्र से चुनावी दावेदारी जता रहे हैं लिहाजा ऐसे में भाटी शिव के छोटे-छोटे ढाणियों में पहुंच कर जन संवाद कर रहे हैं.भाटी की यात्रा पांचवे दिन डीएनपी क्षेत्र के 15 गांवों में पहुंची. जहां स्थानीय नागरिकों से वहां की मूलभूत समस्याओं और उनके समाधान की प्रभावी रणनीति पर बिंदूवार चर्चा हुई. पांचवे दिन भी लगभग 300 किमी की यात्रा तय कर 15 गांवों में ग्रामीणों से सीधा सवांद स्थापित किया गया. पांचवे दिन की यात्रा जीणे की बस्ती से प्रारंभ हुई जो केलनली, डाभड़, रूपानगर, रतरेडी कला, रतरेडी खुर्द, गूजरी, खड़ीन, धनुआणी, सैला, अलाबचाया की ढाणी, कंभीर की बस्ती, अली की बस्ती, बनियाली होते हुए चौथयाली पहुंची.
ग्रामीणों बोले- पहली बार कोई नेता आया
इस यात्रा को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरीके से रविंद्र इस क्षेत्र में गाँव-गाँव जाकर लोगों से संवाद स्थापित कर रहे है उस तरीके से आजतक कोई भी नेता उनके बीच नहीं पहुंचा है. गाँव वालो का कहना है की एक घर से दूसरे घर में पहुंचने के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है जिस कारण वे दुनिया से कटे रहते है ऐसे में कोई नेता इतनी जटिल व कठिन परिस्थितियों को पार पहली बार यहां के निवासियों से मिलने पहुंचा है.
वहीं स्वयं रवींद्रसिंह भाटी बताते है कि शिव जन सवांद यात्रा की शुरुआत बॉर्डर के दूरस्थ गांवों से हुई है, पांचवे दिन 15 गांवों में पहुंच ग्रामीणों से संवाद किया. ग्रामीणों का उन्हें भरपूर सहयोग मिल रहा है और क्षेत्र में लोग प्रतिकूल परिस्थितियों में अपनी दैनिक जरूरतों के लिए संघर्षरत है. उनका कहना है की उनका एक प्रभावी प्रयास क्षेत्र की दिशा और दशा दोनो बदल सकते हैं. डीएनपी क्षेत्र के गांवों में सड़क, पानी, बिजली के लिए लोग कई सालों से मांग कर रहे है. जन सहयोग से नीति निर्माण कर उसके प्रभावी क्रियान्वयन से समस्याओं का समाधान संभव है और यही इस यात्रा का मूल उद्देश्य है.
छठे दिन इन गांवों में पहुंचेगा जन सवांद यात्रा
बाँडासर तामलोर, देवलगढ़, अमी का पार, मखन का पार, लाले का तला, रेहलिया, छोटी खड़ीन, मालाणा, पादरिया, हमीराणी, अलू खाँ की ढाणी, बरसा, सुथारों का पार, भूरे की बस्ती, जैसिन्धर गाँव, पनेला, उतरबा और हीरपूरा.
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