PM Modi Nagaur : राजस्थान की सियासत में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी तपिश दिनों दिन बढ़ती जा रही है. इस तपिश के केंद्र में एक बार फिर सूबे के मध्य में स्थित नागौर आ चुका है. RLP प्रमुख हनुमान बेनीवाल के गढ़ नागौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 28 जुलाई को प्रस्तावित दौरा स्थगित हो गया है. इस रैली को लेकर जोर-शोर से तैयारियां की जा रही थी. लेकिन अचानक इससे रद्द कर दिया गया. भाजपा के नेता इसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी की व्यवस्था को बता रहे हैं, जबकि विरोधियों विरोधी इसके अलग मायने निकाल रहे हैं.


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दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 28 जुलाई को नागौर के खींवसर में दौरा प्रस्तावित था, इसे लेकर केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी खींवसर पहुंचकर तैयारियों का जायजा भी ले चुके थे, लेकिन कैलाश चौधरी के खींवसर दौरे के दौरान कुछ लोगों ने उन्हें काले झंडे दिखाए और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. कहा जा रहा है कि इसकी सूचना दिल्ली पहुंच गई थी और इस घटनाक्रम के कुछ देर बाद ही इस रैली को स्थगित कर दिया गया.


हनुमान बेनीवाल का गढ़ है नागौर का खींवसर


नागौर को हनुमान बेनीवाल का गढ़ माना जाता है, जबकि नागौर के खींवसर में हनुमान बेनीवाल का खासा दबदबा है. हनुमान बेनीवाल खुद यहां से विधायक रह चुके हैं, 2018 के विधानसभा चुनाव में बेनीवाल इसी सीट से विधायक चुने गए थे, हालांकि लोकसभा चुनाव में नागौर लोकसभा सीट पर जीत के बाद हुए उपचुनाव में इस सीट से उनके भाई नारायण बेनीवाल विधायक बने. हनुमान बेनीवाल ने भाजपा के साथ मिलकर गठबंधन में लोकसभा का चुनाव लड़ा था, हालांकि बाद में किसान आंदोलन के चलते हनुमान बेनीवाल ने एनडीए से अपना नाता तोड़ दिया था.


नागौर क्यों आ रहे थे पीएम मोदी


प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे के जरिए भाजपा हनुमान बेनीवाल के गढ़ में सेंध लगाने की तैयारी में थी, लिहाजा ऐसे में इस दौरे को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा था, लेकिन इस दौरे के मद्देनजर केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के दौरे के दौरान स्थानीय लोगों ने काले झंडे दिखाते हुए पीएम मोदी के खिलाफ नारेबाजी की. हालांकि प्रधानमंत्री मोदी 27 जुलाई को सीकर के दौरे पर आ रहे हैं, यहां एक जनसभा को संबोधित करने के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी पीएम किसान निधि की राशि भी किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर करेंगे.


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