Pratapgarh: प्रतापगढ़ कोतवाली थाना क्षेत्र के एक गांव में 13 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इसमें पुलिस ने जिस तरह से जांच की और पूरे मामले का खुलासा किया यह काफी पेचीदा रहा.


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दरअसल गांव में 13 वर्षीय बालिका का पैर जल गया. यह बालिका अपनी दादी के साथ गांव में रहती थी और उसकी दादी गांव के अन्य घरों में बर्तन मांजने सहित घरेलू काम करती थीं, जबकि उसके माता-पिता मंदसौर में मजदूरी करते थे. पैर जलने के बाद बालिका को मंदसौर के राजकीय अस्पताल में दिखाने के लिए ले गए. यहां डॉक्टरों ने बालिका का पेट फुला हुआ देखा तो उन्हें संदेह हुआ और उन्होंने बालिका की सोनोग्राफी भी की. इस पर पता चला कि बालिका 8 महीने की गर्भवती है.


डॉक्टरों ने मंदसौर में वायडी नगर पुलिस को सूचित किया. इस पर स्टॉफ ने बालिका के साथ दुष्कर्म की जीरो नंबर की एफआईआर काटकर 2 जनवरी 2022 को प्रतापगढ़ कोतवाली पुलिस को भेज दी. एसपी डॉक्टर अमृता दुहान ने बताया कि जब बालिका और परिजनों से बात की तो कोई भी यह नहीं बता पा रहा था कि बालिका के साथ यह वारदात कब हुई और किसने की.


कोतवाली थाना अधिकारी रविंद्र सिंह ने बताया कि बालिका और परिजनों की समस्या को देखते हुए पुलिस ने अपने स्तर पर ही मामले की जांच को आगे बढ़ाया. इस दौरान सिविल ड्रेस में महिला कॉन्स्टेबल और पुलिस कर्मियों को सूचना एकत्र करने की ड्यूटी लगाई. बालिका को न्याय दिलाने के लिए पुलिस अपनी जांच करती रही. इस दौरान बालिका ने कोर्ट में अपने 164 के बयान दिए. इसमें एक परिचित बाल अपचारी पर दुष्कर्म का संदेह जाहिर किया.


पुलिस ने साक्ष्य जुटाकर 4 फरवरी को 17 वर्षीय बाल अपचारी को दुष्कर्म मामले में पोक्सो एक्ट के तहत डिटेन कर लिया. परिचित होने की वजह से बालिका का इस परिवार के घर अक्सर आना-जाना था. पुलिस ने जांच आगे बढ़ाने के लिए मामले में गांव के अंदर और जहां बालिका की दादी काम करती थी, वहां पर परिचित और संदिग्ध 10 लोगों के डीएनए टेस्ट करवाए. इसमें 17 वर्षीय बाल अपचारी भी शामिल था, लेकिन शुरुआत के किसी भी डीएनए की रिपोर्ट मैच नहीं हुई. इस दौरान बाल अपचारी के 16 वर्षीय छोटे भाई का डीएनए सैंपल भी लिया गया.


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2 मार्च को जब बाल अपचारी के छोटे भाई की डीएनए रिपोर्ट आई तो बालिका के बच्चे की डीएनए रिपोर्ट से मैच हो गई. इस पर 22 मार्च को कोतवाली पुलिस ने 16 वर्षीय बाल अपचारी को भी पोक्सो एक्ट के तहत डिटेन किया. जांच में पता चला कि दोनों भाई बाल अपचारियों ने अलग-अलग समय में बालिका के साथ दुष्कर्म किया था. जिससे बालिका का गर्भ ठहर गया, दोनों को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है. जबकि बालिका के नवजात को मंदसौर अस्पताल में ही सुपुर्द किया गया.


Reporter- Vivek Upadhyay