Pratapgarh News: भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा की ओर से आदिवासी समुदाय से जुड़े विभिन्न और वीर प्रदेश राज्य बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया. शहर के नगर परिषद से कलेक्ट्रेट तक रैली निकाल कर राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया.


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भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के जिला संयोजक बद्री भगोरा ने बताया कि आदिवासी समुदाय से जुड़े ज्वलंत मुद्दों और संविधान के अनुच्छेद तीन के तहत पश्चिमी भारत के भील आदिवासी संस्कृति क्षेत्र के चार राज्यों का सीमाएं इलाका और एक केंद्र शासित प्रदेश का क्षेत्र जोड़कर अलग से भील प्रदेश राज्य का गठन करने को लेकर आज आदिवासी समुदाय की ओर से प्रदर्शन किया गया. 



शहर के नगर परिषद से पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ रैली निकाली गई रैली शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची, जहां प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया. राष्ट्रपति के नाम सौंपे गए 35 सूत्रीय ज्ञापन में विशेष रूप से विश्व आदिवासी दिवस पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने और वन संरक्षण कानून अनुसूचित क्षेत्रों में लागू नहीं करने की मांग की गई. इसके साथ ही संस्कृत बोर्ड का गठन करने और अनुसूचित जिलों के उपखंड मुख्यालयों पर आदिवासी महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित कर आदिवासी प्रेरणा स्थल विकसित करने सहित विभिन्न मांगों को पूरा करने की बात कही. 


सामाजिक कार्यकर्ता रमेश मेडा ने बताया कि वर्तमान में जिला और उत्तराखंड स्तर पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंप जा रहे हैं सरकार अगर आदिवासी परिवार की मांगों को नहीं मानती है तो प्रदेश और देश स्तर पर भी प्रदर्शन किए जाएंगे. इस दौरान बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग मौजूद रहे.



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Pratapgarh News: रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए शहर के बाजार पूरी तरह से बंद, लोग तरह-तरह के कर रहे जतन
Pratapgarh News:
राजस्थान में प्रतापगढ़ शहर के बाजार रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए आज पूरी तरह से बंद हैं. व्यापारियों की ओर से किए गए स्वैच्छिक बंद के ऐलान के बाद बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. हालांकि आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है. जिले में अभी तक औसत की मात्रा 15% बरसात ही हुई है, जिसके कारण लोगों की चिंताएं बढ़ने लगी है.


प्रतापगढ़ में रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए लोग तरह-तरह के जतन कर रहे हैं. कहीं पर रात्रि जागरण, भजन संध्या तो कहीं पर धार्मिक स्थलों तक पद यात्राएं निकाली जा रही हैं. प्रतापगढ़ शहर में भी आज उज्जैनी का आयोजन किया गया है. इसी के तहत व्यापारियों ने स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद रखे हैं. आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है. 


बंद के कारण बाजारों में जहां सन्नाटा पसरा हुआ है, तो वहीं आवागमन भी प्रभावित हुआ है. ग्रामीण इलाकों से खरीदारी के लिए शहर में आने वाले लोगों के नहीं पहुंचने से यात्री वाहन भी खाली है. गौरतलब है कि प्रतापगढ़ जिले में बुवाई का कार्य पूरा हो चुका है.