Pratapgarh: निजी यात्री बस में शराबियों ने काटा हंगामा, पुलिस ने शांत करवाया मामला
Rajasthan latest news in hindi: राजस्थान में प्रतापगढ़ के गांधी चौराहे पर एक निजी बस में शराबियों ने हंगामा कर दिया. हंगामे के बाद मौके पर पुलिस को आना पड़ा. चौराहे पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई. जब पुलिस मौके पर पंहुची और बस की जब तलाशी ली गई तो बस में 10 से भी अधिक युवक शराब के नशे धुत बस से बाहर निकले.
Pratapgarh News: शहर में देर रात को गांधी चौराहे पर एक निजी बस में शराबियों ने हंगामा कर दिया. हंगामे के बाद मौके पर पुलिस को आना पड़ा. चौराहे पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई.
जब पुलिस मौके पर पंहुची और बस की जब तलाशी ली गई तो बस में 10 से भी अधिक युवक शराब के नशे धुत बस से बाहर निकले. इनमें से कई की तो हालत इतनी ख़राब थी कि वह सही से चल भी नहीं पा रहे थे. पुलिस करीब आधा दर्जन लोगों को थाने लेकर गई.
शराबियों के इस हंगामे के कारण काफी देर तक गांधी चौराहे पर लोगों की भीड़ जमा हो गई और बस में इतने सारे शराबियों को देखने के बाद दूसरे यात्री और अपने बच्चों को बसों में बिठाने आए परिजनों ने भी इसका विरोध शुरू कर दिया. बस में इतने शराबियों को देखकर अन्य यात्रियों में डर बन गया. वहां मौजूद कई यात्री और अपने बच्चों को बसों में बिठाने आए परिजनों ने ट्रेवल्स बस में ऐसे हालत को देख कर चिंता भी जताई.
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बिहार से थे सभी युवक
बस में बैठे सभी शराबी युवक बिहार के थे और नहर का काम करने बांसवाड़ा आए हुए थे लेकिन बारिश शुरू होने से फिर से घर लौटने के लिए निकले थे. इस पूरे मामले में बस संचालक की गलती साफ़ तौर पर नजर आई. शराब के नशे में वह दस से अधिक शराबी युवकों को बस में लेकर निकल गया वह तो गनीमत रही की समय रहते दो घंटे बाद ही उन्होंने प्रतापगढ़ में हंगामा कर दिया तो पुलिस ने मामले को बढ़ने से संभाल लिया वरना शराब के नशे में युवक रास्ते में अन्य सवारी से भी बहस और झगड़ा कर सकते थे.
परिजन हो गए परेशान
गौरतलब है कि इन ट्रेवलर बसों में बिना किसी चिंता के बस संचालन के भरोसे ही परिजन अपने बच्चों और महिलाओं को सफर पर भेजते हैं लेकिन बस संचालकों की गलती की वजह से बसों में इस तरह से शराबियों को बिठाने से कभी भी कोई गंभीर वारदात का भी डर बना रहता है. प्रतापगढ़ में हुए इस मामले के बाद अपने बच्चों को बसों में बिठाने आए परिजनों के माथे पर भी चिंता की लकीरें साफ़ देखने को मिल रही थी.