Pratapgarh News:नगर परिषद में आज दोपहर करीब चार बजे कलेक्टर डॉ अंजलि राजोरिया प्रशासनिक अधिकारियों के साथ औचक निरीक्षण के लिए पंहुची. कलेक्टर राजोरिया ने तकरीबन चार घंटे नगर परिषद में गुजारे और परिषद के दस्तावेज के साथ- साथ नगर परिषद के सभी विभागों फायर सेंटर और नगर परिषद के भवन के साथ साथ वाहनों की पार्किंग और पुरे परिषद का निरीक्षण किया.


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 जब दोपहर में चार बजे नगर परिषद के निरीक्षण के लिए कलेक्टर परिषद में पंहुची. तो परिषद के आयुक्त के नहीं होने और परिषद के अधिकारियों के कक्ष में कम्प्यूटर नहीं होने पर कलेक्टर भड़क गई और सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को आयुक्त के कक्ष में बुलाकर परिषद के सभी आवश्यक दस्तावेज को जांचने के बाद नगर परिषद आयुक्त जितेंद्र कुमार मीना के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें 17 सीसी नोटिस देने के साथ ही नगर परिषद की सभी जिम्मेदारियों से हटाकर जिला परिषद सीईओ को नगर परिषद की जिम्मेदारी सौंपी है. 



कलेक्टर ने नगर परिषद में सफाई व्यवस्था की बदहाली को देख कर भी अधिकारियों और कर्मचारियों को फटकार लगाई है. नगर परिषद में सफाई की हालत को देखकर कलेक्टर ने अधिकारियों को कहां की यहां के यह हालत है तो शहर में नगर परिषद क्या काम करती होगी. परिषद के गंदे शौचालय को देखने के बाद कलेक्टर ने कर्मचारियों और अधिकारियों को कहां की क्या फ्लैश करना भी वह सिखाएं. 



नगर परिषद में पड़े अटालें और कंडम वाहनों के निस्तारण के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया. कलेक्टर ने पत्रकरो के सवाल पर 69ए फर्जी पट्टे के मामले में कमेटी द्वारा चल रही जांच में कार्रवाई का आश्वासन दिया और कहां की जो भी निर्दोष पाया जाएगा उसपर सख्त कार्रवाई की जाएगी.


कलेक्टर दोपहर चार बजे से लेकर शाम को सात बजे तक नगर परिषद में रही इस दौरान उन्होंने परिषद के एक एक विभाग में निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों को समीक्षा के बाद कमियां पाए जाने पर सुधार के निर्देश दिए. 



कलेक्टर ने कहां की वह हफ्ते भर के बाद फिर से परिषद का निरीक्षण करेगी और जो जो निर्देश दिए गए है उनकी पालना की गई है या नहीं उसकी समीक्षा करेगी. कलेक्टर ने शहर में गंदगी, भवन निर्माण साखा के साथ साथ परिषद में होने वाले सभी कामों की क्रमबद्ध तरीको से निरीक्षण कर फाइलों को जांचा और प्रशासन की एक टीम को परिषद में मौजूद सभी दस्तावेज की जांच के निर्देश दिए.


 


नगर परिषद के निरीक्षण पर आते ही वहां की बदहाली को देखने के बाद कलेक्टर ने नगर परिषद आयुक्त जितेंद्र कुमार मीना के नाम 17सीसी नोटिस देने के बाद नगर परिषद के पद से हटाते हुए नगर परिषद में जिला परिषद सीईओ परसाराम को आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी है. 




गौरतलब है की नगर परिषद आयुक्त जितेंद्र मीणा पर लगातार परिषद में फर्जी पट्टे और लापरवाहियों के आरोप लोगों द्वारा लगाए जा रहे थे. नगर परिषद में कर्मचारियों द्वारा कलेक्टर के पूछे गए सवालों के जवाब भी नहीं दे पाए. आयुक्त के कमरे में बैठकर कलेक्टर ने परिषद के एक एक कर्मचारियों से पूछताछ कर उनके कामों के बारे में भी जाना.



कलेक्टर ने नगर परिषद में प्रशासनिक अधिकारियों की टीम को नगर परिषद में तैनात किया है. जो हफ्तेभर तक परिषद में आने वाली शिकायतों और यहां पाई गई कमियों के आधार पर रिपोर्ट तैयार करेंगी.



रिपोर्ट तैयार होने के बाद सात दिन बाद कलेक्टर एक बार फिर से रिपोर्ट के आधार पर परिषद में अधिकारियों और कर्मचारियों की बैठक आयोजित कर नगर परिषद के लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.


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