Pratapgarh news:  मारवाड़ के तस्कर अब पैटर्न बदलकर मादक पदार्थाें की तस्करी कर रहे हैं. चार-पांच साल पहले सार्वजनिक परिवहन या बाइक आदि के जरिये अफीम-डाेडा चूरा ले जाने वाले तस्कर अब शक से बचने के लिए लग्जरी गाड़ियाें का भी उपयाेग करने लगे हैं. तस्करी के लिए लाेडिंग गाड़ियां साथ रखने के साथ ही उन्हें लग्जरी गाड़ियाें से एस्काॅर्ट करने लगे हैं.


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 ऐसा ही मामला धरियावद पुलिस ने पकड़ा है. तीन जनाें काे गिरफ्तार कर एक कार ओर एक पिकअप जीप सहित 1300 ग्राम डाेडा-चूरा ओर 50 हजार रुपए की नकदी भी जब्त की है. ये लाेग प्रतापगढ़ से डाेडा-चूरा खरीदने आए.


एसपी अमित कुमार ने बताया कि धरियावद थाना प्रभारी पेशावर खान और उनकी टीम ने डोडा-चूरा की खरीद फरोख्त करने जा रहे तीन आरोपियों बाड़मेर के चाैहटन थानांतर्गत ढाेक निवासी जगदीश पुत्र सुरताराम विश्नोई धणाउ थाना क्षेत्र के भूणिया निवासी कैलाश पुत्र भागीरथ विश्नोई और जालाैर के चितलवाना थानांतर्गत विरावा गांव के हेतराम पुत्र चिमाराम विश्नोई को बिना नंबरी पिकअप जीप और कार के साथ गिरफ्तार किया। तस्कराें के लिए कार एस्कॉर्ट कर रही थी.


 तस्कर प्रतापगढ़ के एक व्यक्ति से डाेडा-चूरा खरीदने आ रहे थे. इस आरोपी काे नामजद कर तलाश की जा रही है. पुलिस टीम में थाना प्रभारी खान के अलावा एएसआआई सुल्तानसिंह, हैड कांस्टेबल सोमाराम, दिनेशकुमार, कांस्टेबल सुरेन्द्रकुमार, अमरसिंह, नेमीचंद और साइबर सेल के कांस्टेबल रमेशचंद्र और अर्पित शामिल थे.


थाना प्रभारी पेशावर खान ने बताया कि नाकाबंदी के दाैरान बांसी की तरफ से आई कार की तलाशी ली ताे उसकी डिक्की में 50 हजार रुपए मिले. गाड़ी के कागजात भी नहीं थे. नाम-पते पूछने के दाैरान एक बिना नंबरी पिकअप भी आ गई, जिसके ड्राइवर ने कार के साथ आने की बात कही। पहले उनकाे सी आरपीसी की धारा 151, 109 के तहत गिरफ्तार किया गया. गहन पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे डाेडा-चूरा खरीदने जा रहे थे.


 पुलिस की नाकाबंदी की भनक लगने पर प्लास्टिक के 10 कट्टे पांचागुड़ा से करीब एक किलाेमीटर दूर रास्ते में फेंक दिए थे. पुलिस ने तस्करों की निशानदेही पर फेंके गए कट्टे ढूंढे ताे उनमें 1300 ग्राम डाेडा-चूरा मिला. इस पर एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/15, 30 के तहत मामला दर्ज किया गया.


बताया गया कि तस्कराें से जब्त पिकअप जीप काे माेडीफाई किया गया था. इसके आगे और पीछे लाेहे के मजबूत एंगल वेल्डिंग करवाए गए थे, जिससे जरुरत पड़ने पर पुलिस की नाकाबंदी ताेड़कर भाग सकें. बिना नंबर की गाड़ी गंगानगर पासिंग बताई जा रही है, जिसकी नंबर प्लेट हटा दी गई थी.