प्रतापगढ़: मादक पदार्थ तस्करी के गढ़ और दाे राज्याें की सीमा पर स्थित प्रतापगढ़ की संवेदनशील जिला जेल की सुरक्षा और मजबूत हाे गई है. पुलिस विभाग ने जिले की जेलाें काे 15 एसएलआर राइफल्स यानि सेल्फ लाेडिंग राइफल्स और एक पिस्टल आवंटित की है. अब द्वितीय विश्वयुद्ध में काम आने वाली दशकाें पुरानी 410 मस्केट राइफल भी जेलकर्मियों के हथियार के रूप में काम नहीं आएंगी. इसके साथ ही समीपवर्ती बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिला जेलाें काे भी इतने ही हथियार मिले हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रतापगढ़ और डूंगरपुर जिला जेल के इंचार्ज डीवाईएसपी दूल्हेसिंह सिसाेदिया ने बताया कि प्रतापगढ़ जिला जेल और छोटीसादड़ी जेल की सुरक्षा कड़ी करने के लिए पुलिस विभाग के हथियार भंडार से आधुनिक हथियार उपलब्ध करवाए गए हैं. इसमें 15 एसएलआर राइफल, 30 मैगजीन, एक पिस्टल और 26 कार्टिज के साथ ही 20-20 कारतूस और 300 राउंड जिला जेल काे सुपुर्द किए गए. जिला जेल में तैनात 17 सिपाहियों ने एसएलआर चलाने का प्रशिक्षण ले रखा है. 15 में से 5 इनमें से 5 एसएलआर राइफल्स छोटीसादड़ी जेल काे भी मिलेंगी. इसके साथ ही जेल से पुरानी मस्कट 410 बंदूकें वापस ले ली जाएंगी.


डीवाईएसपी सिसाेदिया ने बताया कि प्रतापगढ़ के साथ ही डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिला जेलाें के लिए भी पुलिस विभाग ने 15-15 एसएलआर राइफल्स और एक-एक पिस्टल के साथ मैगजीन, कारतूस भी उपलब्ध करवाए हैं.



अवांछित सामग्री फेंकने की घटनाएं


प्रतापगढ़ जिला जेल परिसर में कई बार पीछे की तरफ से अवांछित सामग्री फेंकने की घटनाएं हो चुकी हैं. इसके अलावा कैदियाें के आपस में झगड़ने की घटनाएं भी हाे चुकी हैं. मादक पदार्थ तस्करी और फिराैती वसूली के आराेपियाें समेत हार्डकोर अपराधियों के बंद रहने के कारण ये जेल काफी संवेदनशील मानी जाती है.


ये भी पढ़ें-


सुसाइड का गढ़ बनता जा रहा राजस्थान का ये इलाका, अब 16 साल के छात्र ने उठाया खौफनाक कदम


अब WhatsApp पर भी भेजी जा सकेगी HD फोटो और वीडियो, जानिए ये तरीका


कांग्रेस विधायक का बयान-, चुनावी साल में निकलेगी CM के साथ अध्यक्ष जी की भी कमी


आखिर क्यों अंतरिक्ष में भेजा गया था कुत्ता, जानिए उसके साथ क्या हुआ?