Pratapgarh: सरकारी स्कूल का नाम आते ही अभिभावकों के दिमाग में एक अलग ही तस्वीर उभर कर सामने आती है और अभिभावक सरकारी स्कूल के बजाय निजी स्कूल को प्राथमिकता देते नजर आते हैं लेकिन प्रतापगढ़ जिले का एक राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक स्कूल ऐसा है जिसमें अभिभावकों की सोच को बदल दिया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस स्कूल में चलने वाली गतिविधियों के चलते पिछले 2 साल में यहां बच्चों की संख्या दोगुनी हो चुकी है. बैंड-बाजों के साथ यह किसी बारात की तस्वीर नहीं बल्कि एक सरकारी स्कूल के प्रवेश उत्सव की झांकी है. यह स्कूल है प्रतापगढ़ जिले के अमलावद का राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक स्कूल. संभवत  प्रदेश का यह पहला सरकारी बालिका स्कूल है जहां स्केटिंग, घुड़सवारी, कथक, भरतनाट्यम, की नियमित कक्षाएं चलती है. 


यहां के शिक्षकों का कहना है कि प्रधानाध्यापिका नीलम कटला ने चार साल पहले अपने स्तर पर सुविधाएं जुटा कर नवाचार शुरू किए. इसके बाद अभिभावकों के सहयोग से इसमें लगातार प्रगति होती रही. शिक्षकों का कहना है कि बच्चे खेल-खेल में सीख सके इसके लिए बच्चों को खिलौना बैंक के माध्यम से भी पढ़ाया जाता है. 


स्कूल की शिक्षिका का कहना है कि सरकारी स्कूलों की अभिभावकों के मन में खराब छवि बनी हुई है लेकिन इस स्कूल के शिक्षकों ने अपनी मेहनत के बल पर इस छवि को बदल दिया है और अब निजी स्कूल के बच्चों को भी यहां प्रवेश ले रहे हैं. स्कूल में शुरू किए गए नवाचार यहां की बालिकाओं को भी खासे पसंद आ रहे है. स्कूल में पढ़ने वाली बालिकाएं यहां शिक्षा के साथ चलने वाली सहशैक्षिक गतिविधियों को लेकर भी खासी उत्साहित हैं. यहां बालिकाएं घुड़सवारी, स्केटिंग, हूला हूप के साथ ही आत्मरक्षा के गुरु भी सीख रही हैं.


Reporter: Vivek Upadhyay


यह भी पढ़ें - 


एक साथ बीमार हुए 47 स्कूली बच्चे, कलेक्टर ने देर रात परिजनों से की मुलाकात


अपने जिले की खबरों के लिए यहां क्लिक करें.