राजसमंद के इस स्कूल में आने बाद लगता है जैसे पौधों की नर्सरी में हों, 20 साल खप गये हरा-भरा करने में
राजसमंद के इस स्कूल में आयुर्वेदिक पेड़ भी लगाये गये हैं. इसके साथ ही पर्यावरण संतुलन को बढ़ावा देने के लिये श्रीकृष्ण गोपाल ने यहां पक्षीयों के दाने पानी और हरियाली की ऐसा व्यवस्थाएं की है कि करीब 170 प्रजाति के पक्षी यहां प्रतिदिन दाना और पानी के लिये आते हैं
राजसमंद: चिलचिलाती धूप और प्रचंड गर्मी में हर कोई अपना बचाव करने में लगा है, लेकिन कोई है जो ऐसे में भी बेजुबानों की मदद के लिये सदैव तत्पर है. बता दें कि राजसमंद के खमनोर तहसील की मोलेला पंचायत के भोपाजी की भागल गांव मे तैनात एक शिक्षक श्रीकृष्ण गोपाल गौरवा ने ऐसा काम किया है,
जिसके कारण इनका जुनून ग्रामीणों के साथ स्कूली बच्चों को भी मोटीवेट करने में काम आ रहा है. बता दें कि 20 साल पहले राजसमंद के इस विद्यालय में ड्यूटी पर आये श्रीकृष्ण गोपाल ने जब इस विद्यालय को देखा तो उन्हे बड़ा दुख हुआ था. तब यह विद्यालय केवल एक कमरे तक सीमित था, लेकिन धीरे-धीरे प्रयास से यहां आज हजारों की संख्या में पेड़ हैं, जिनमे फलदार पेड़ों के साथ खुशबूधार फूल भी हैं,
तो वहीं आयुर्वेदिक पेड़ भी लगाये गये हैं. इसके साथ ही पर्यावरण संतुलन को बढ़ावा देने के लिये श्रीकृष्ण गोपाल ने यहां पक्षीयों के दाने पानी और हरियाली की ऐसा व्यवस्थाएं की है कि करीब 170 प्रजाति के पक्षी यहां प्रतिदिन दाना और पानी के लिये आते हैं. जिसके कारण यह सरकारी प्राथमिक विद्यालय कम और पौधों की नर्सरी अधिक लगती है, स्कूल परिसर में बड़े पेड़ों पर पक्षीयों के इको फ्रेंडली घोंसले लगाये गये हैं, जिन पर बड़ी संख्या में हजारों पक्षी अपना आश्रय पाते हैं.
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विद्यालय के इस विकास को देखने के लिये आसपास गांवों के अलावा पर्यावरण प्रेमी भी आते हैं. इस विद्यालय के विकास कार्यों को शिक्षक श्रीकृष्ण गोपाल गौरवा ने जनसहयोग से पूरा किया है, वास्तव में ऐसे शिक्षक पूरे समाज के लिये एक मिसाल हैं, जो बच्चों में किताबी ज्ञान के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति प्रेम को भी जीवित कर रहे हैं.
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Reporter- Devendra Sharma