राजस्थान के इस मंदिर में सालभर प्रकृति करती है महादेव का जलाभिषेक, देखें फोटोज
Rajasthan Chakachak Mahadev Mandir: राजस्थान के राजसमंद जिले में चकाचक या आंजनेश्वर महादेव का 600 साल पुराना शिव मंदिर है. यह शिवलिंग स्वयं भू है, जो जमीन में चार अंगुल अंदर स्थापित है.
600 साल पुराना शिव मंदिर
राजस्थान के राजसमंद जिले के देवड़ों का गुढ़ा की पहाड़ियों के बीच चंद्रभागा नदी के उद्गम स्थल चकाचक या आंजनेश्वर महादेव का 600 साल पुराना शिव मंदिर है. यह शिवलिंग स्वयं भू है, जो जमीन में चार अंगुल अंदर स्थापित है, जहां जमीन के अंदर से ही निरंतर जल की धारा बहती रहती है. जो शिवलिंग का 12 महीने ही प्राकृतिक जलाभिषेक करती है.
एक चौमुखा शिवलिंग
कुछ सालों पूर्व ही मंदिर के गर्भगृह में ही एक चौमुखा शिवलिंग भी स्थापित है. यहां के महंत मनोहरदास मौनी पिछले 22 सालों से सेवा पूजा कर रहे हैं. महंत मनोहरदास मौनी ने बताया कि 600 साल पुराना स्वयं भू शिवलिंग है. इनका वास्तविक नाम आंजनेश्वर महादेव है.
चकाचक महादेव
महंत ने बताया कि कुछ वर्षों में यहां पर व्यवस्था चकाचक व बेहतर होने पर इस मंदिर का नाम चकाचक महादेव नाम पड़ गया. पहले यहां पर एकदम से निर्जन वन था. यहां पर केवल देवड़ों का गुढ़ा के ग्रामीणों के अलावा दूसरे लोगों का आना बेहद मुश्किल था. पहले एक पगडंडी कच्चे मार्ग से होकर आना पड़ता था.
तपस्या
यहां के दुर्गम रास्ते के कारण महंत मनोहरदास मौनी ने 14 साल तक मौन बिना बोले तपस्या की थी. आश्रम पर आने वालों से किसी से कोई बातचीत नहीं होती था. इसके बाद में ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों की मदद से नेशनल हाईवे आठ व देवड़ों का गुढ़ा गांव से पक्की सड़क बनाया और आज यह एक नया पिकनिक पाइंट बन गया.
चंद्रभागा नदी का स्वरूप
इसके बाद से महंत ने अपनी मौन तपस्या को तोड़ दिया. देवड़ों का गुढ़ा के ग्रामीणों ने अपने स्तर पर ही 60 साल पूर्व तालाब का निर्माण करवाया गया. यह तालाब ऊंचाई पर होने पर एक दीवार बनाकर तालाब के पानी को रोक दिया गया. इस तालाब का ओवर फ्लो 40 फीट की ऊंचाई से झरनेनुमा गिरता है, जिससे क्षेत्र की प्राकृतिक सौर्दंयता को ओर बढ़ा देता है, जो आगे चलकर चंद्रभागा नदी का स्वरूप लेती है. नदी के बहाव क्षेत्र में असंख्य खजूर के पेड़ लगे हुए है,जो केरल के नारियल के पेड़ जैसे लगते हैं.