राजसमंद में रेत माफियाओं का आतंक,आक्रोशित लोगों ने 9 घंटे तक बाजार बंद रखकर किया प्रदर्शन
राजसमंद: मानों ऐसा लग रहा है कि राजसमंद जिले में रेत माफियाओं को किसी का भय नहीं है. राजसमंद जिले में रेत माफिया बैखोफ होकर अवैध बजरी खनन के कार्य को अंजाम दे रहे हैं.
Rajsamand: राजसमंद में रेत माफियाओं का आतंक है. इनके बीच में जो कोई भी आ रहा है? उन्हें धमकी के साथ साथ उनकी हत्या करने में भी पीछे नहीं रहते हैं.आपको बता दें कि इस बार राजसमंद जिले के आमेट थाना इलाके में रेत माफियाओं ने एक युवक पर ट्रैक्टर चढ़ा कर उसकी हत्या कर दी.
इस युवक का कसूर इतना था कि उसने खेत के पास से रेत उठाने के लिए इन अवैध रेत माफियाओं को टोका था. यह बात इन रेत माफियाओं को पसंद नहीं आई और उन्होंने युवक पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया. तो वहीं, युवक की हत्या की बात देखते ही देखते पूरे राजसमंद जिले में फेल गई और आमेट में बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए.
आक्रोशित लोगों ने एसडीएम कार्यालय व थाने के बाहर जमकर प्रदर्शन किया और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की ही नहीं आक्रोशित लोगों ने थाने के बाहर टायर जलाकर जमकर प्रदर्शन किया.मौके पर राजसमंद कलेक्टर नीलाभ सक्सेना और एसपी सुधीर जोशी को बुलाने की मांग पर अड़ गए.बता दें कि आमेट कस्बे में बजरी माफियाओं द्वारा ट्रैक्टर से कुचलकर युवक की हत्या के बाद लगभग 9 घंटे तक चले प्रदर्शन और हंगामे के बाद पुलिस प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच सहमति बन गई है.प्रशासन के आश्वासन के बाद परिजन युवक मनीष पालीवाल का शव उठाने को तैयार हुए.
तो वहीं, पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द किया.बता दें कि इस घटना के बाद जिलेभर से करीब पांस से ज्यादा थाने के थानाधिकारी सहित भारी पुलिस जाप्ता मौके पर तैनात किया गया था.
लेकिन पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच समझाइश की कोई बात नहीं बनी थी. मौजूद आक्रोशित प्रदर्शनकारी मौके पर कलेक्टर और एसपी को बुलाने की मांग पर अड़े हुए थे इसी बीच कुछ समय बाद जब दोनों पहुंचे तो आक्रोशित लोगों से समझाइश की गई.समझाइश के दौरान उनकी अधिकांश मांगों पर सहमति बनी.पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि मृतक की पत्नी को संविदा पर 15 दिन में नौकरी देने,
आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने, केस की जांच उच्च अधिकारियों के द्वारा करने, परिवार को पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत करीब 8 लाख रुपए का मुआवजा दिलाने और पीड़ित परिवार को अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की मांगों पर सहमति बनी इसके बाद भीड़ शांत हुई और परिजनों ने पोस्टमार्टम के बाद शव उठा लिया है.तो वहीं, इस पूरे मामले पर राजसमंद भाजपा जिलाध्यक्ष मानसिंह बारहठ ने कहा कि मैं पहले भी प्रशासन और सरकार को आगाह कर चुका हूं कि राजसमंद जिले में बजरी माफियाओं को किसी का खौफ नहीं है? और अपने काम को लगातार अंजाम दे रहे हैं,जो कोई इन्हें टोक रहा है? उनके साथ यह इस तरह का घिनौना कार्य कर रहे हैं.
राजसमंद जिले की आज की घटना ने साबित कर दिया है? कि रेत माफियाओं को किसी का भय नहीं है. तो वहीं इस मामले पर राजसमंद युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष एडवोकेट गौरव आचार्य ने आवाज़ उठाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. गौरव आचार्य द्वारा लिखे गए पत्र में मांग की गई है? कि रेत माफिया और उनको संरक्षण देने वाले प्रत्येक व्यक्तियों की एसओजी द्वारा जांच करवा कर आरोप तय करने और कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.
साथ ही आचार्य ने मृतक मनीष पालीवाल के परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी देने और मुख्यमंत्री सहायता कोष से अधिकतम सहायता देने की भी मांग की है. गौरव आचार्य ने कहा कि जिले में ऐसी यह पहली घटना नही है? ऐसा पहले भी हुआ है.आखिर रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद क्यों है? इसका कारण इनको वृहद संरक्षण प्राप्त है? जिसके चलते वे लोगो की जान लेने से भी नही कतराते है, इन सब पर SOG जांच कर बड़ी कार्यवाही होनी चाहिए ताकि ऐसा राजसमंद जिले में दोबारा ना हो.
आपको बता कि रेत माफियाओं द्वारा युवक मनीष पालीवाल की हत्या करने के बाद आमेट कस्बा लगभग 9 घंटे तक बंद रहा था और परिजनों के साथ स्थानीय लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया था, तो वहीं राजसमन्द कलेक्टर और एसपी के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ था और मामले में लिप्त 2 लोगों को आमेट थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है? और उन्हें जेल भेज दिया गया है.
तो वहीं, इन उच्चाधिकारियों द्वारा कार्रवाई के आश्वासन के बाद रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दिया गया. बता दें कि खनिज विभाग और पुलिस प्रशासन ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए करीब 150 टन अवैध बजरी और 2 ट्रैक्टरों को जब्त किया गया है.जिसमें 90 टन स्टॉक, 60 टन स्टॉक और दो ट्रैक्टर जब्त किए गए हैं, जिस पर अवैध खनन किया जा रहा था.अवैध खनन करने पर खनन विभाग द्वारा कार्रवाई की गई.