Rajsamand: बुधवार को पांच दिवसीय गणेश महोत्सव की शुरुआत  शुभमुहूर्त के साथ शुरू होगी. महोत्सव में रोजाना सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. तो वहीं इसमें सबसे खास राजसमंद जिले के राजनगर में स्थित मंशापूर्ण महागणपति भी हैं. 


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कहा जाता है कि यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की मन की मुराद पूर्ण होती है. मंदिर के पुजारी गोपाल क्षोत्रिय का कहना है कि जब से इन गणपति प्रतिमा की प्रतिष्ठा हुई तब से हमारा परिवार पूजा सेवा कर रहा है. उन्होंने बताया कि महाराणा राजसिंह ने राजसमंद झील की स्थापना से पहले भगवान गणपति की स्थापना की थी. कहा जाता है कि राजसमंद झील का कार्य पूर्ण हो इसके चलते लगभग 317 साल पहले महागणपति की प्रतिमा को यहां पर विराजित किया था.


यहां पर दूरदूर से श्रद्धालु आते हैं. सबसे खास बात यह है कि अभी तक की भारत में एक ऐसी प्रतिमा है जिसमें भगवान गणेशजी का पूरा परिवार एक साथ है.


बता दें कि गणेश चतुर्थी को लेकर गणेश मंदिर की सभी तैयारिया पूरी कर ली गई है. कोरोना काल के दो साल बाद पुनः बड़े स्तर पर आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. पूरे मंदिर को आकर्षक फूलों से सजाया गया है.  मंदिर के बाहर विशेष बिजली और टेंट का आकर्षक पंडाल और स्वागत द्वारा बनाए गए हैं.


गणेश चतुर्थी के अवसर पर सुबह के समय दूध, दही, घी, शहद, शरकरा व पंचामृत से स्नान कराया जाएंगा. उसके बाद गणेश अथर्वषीर्ष पाठ सहित वेदिक मंत्रोचार के साथ अभिषेक को पूरा किया जाएंगा. संध्या के समय महागणपति की महाआरती की जाएंगी व लडडू प्रसाद के लगाए भोग का वितरण किया जाएंगा. गणेश चतुर्थी से पांच दिनों तक मंदिर में विशेष फूलों से श्रृंगार झांकिया सजाई जाती है जहा दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की विशेष भीड रहती है. 
Reporter: devendra sharma


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