Case filed against firm of son of BJP MLA Harisingh Rawat: राजसमंद जिले के नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले खमनोर थाने में दर्ज हुई एक रिपोर्ट की इन दिनों राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा हो रही है. बता दें कि इस रिपोर्ट का भीम विधानसभा से संबंध है. 


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यह पूरा मामला मिलती ​जुलती नामों की दो फार्मों में से एक फर्म को गलती से भुगतान से जुड़ा है. ऐसे में गलती से जिसे भुगतान हुआ है वह पैमेंट लौटाने में आज कल आज कल कर रहा है. फिलहाल इस मामले को लेकर एक सरकारी अधिकारी ने खमनोर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी है. तो वहीं पुलिस ने भी मामला दर्ज कर लिया है और इस मामले की जांच शुरू कर दी है.



कम्प्यूटर ऑपरेटर की गलती से हुए भुगतान


बता दें कि मनरेगा योजना में कराए गए विभिन्न निर्माण कार्यों के पेटे करीब 10 लाख 88 हजार 794 रुपये का भुगतान मिलते ​जुलते नामों की दो फर्मों में से एक खाते में कम्प्यूटर ऑपरेटर की गलती से चला गया. तो वहीं अब इस भुगतान की वसूली करने में पंचायतीराज विभाग के पसीने छूट रहे हैं. ऐसे में पंचायत से वसूली ना होते देख खमनोर बीडीओ ने खमनोर पुलिस थाने में रिपोर्ट देकर FIR दर्ज करवाई है. यह पूरा मामला नाथद्वारा विधानसभा की खमनौर के कुंठवा ग्राम पंचायत से जुड़ा है.



ऐसे में रकम वसूली के लिए खमनोर पंचायत समिति के विकास अधिकारी हनुवीर सिंह ने भीम के जस्साखेड़ा की दक्ष डवलपर्स के प्रोपराइटर रणजीत सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी यानि आईपीसीसी की धारा 420 व 406 का मामला दर्ज करवाया है. 



जानकारी के अनुसार,बीडीओ द्वारा भुगतान की तारीख से 8 महीने 17 दिन बाद खमनौर थाने में रिपोर्ट दी गई. वित्तीय वर्ष 2022—23 के दौरान कुंठवा ग्राम पंचायत द्वारा मनरेगा योजनांतर्गत अनुमोदिन संवेदक दक्ष एंटरप्राइजेज,मंजू सिंह बल्ला से विभिन्न स्वीकृत कार्यों को पूरा करने लिए सामग्री का उपापन (Procurmen का सामान्य अर्थ वस्तुओं, सेवाओं को क्रय करना) किया गया था. कार्य के बाद फर्म ने बिल बाउचर प्रस्तुत कर भुगतान करने को कहा. ऐसे में मनरेगा के सॉफ्टवेयर में बकाया देनदारी के बिल वाउचर फीड किए और 2 नवम्बर 2023 को भुगतान कर दिया गया. एक दो माह बाद पता चला कि यह राशि दक्ष एंटरप्राइजेज की खाताधारक मंजू सिंह बल्ला के खाते में नहीं गई.


इस पूरे मामले को लेकर मंजू सिंह बल्ला के पति केशर सिंह ने मीडिया को बताया कि वित्तीय वर्ष 2022—23 में उनकी पत्नी के नाम से चल रही दक्ष एंटरप्राइजेज फर्म ने मनरेगा का 30 से 35 लाख रुपये का कार्य किया था. कुछ पैमेंट आया लेकिन बड़ी रकम खाते में नहीं पहुंची. ऐसे में पंचायत समिति से संपर्क किया गया. चेकिंग करते हुए पाया गया कि यह पैमेंट किसी दक्ष डवलपर्स के खाते में चला गया है. इस इस फर्म के बारे में पता किया गया तो वह फर्म भीम विधायक के बेटे रणजीत सिंह के नाम से रजिस्टर मिली. जिसके बाद वह भीम गए और भीम विधायक से बात की तो उन्होंने 7 दिन बाद मिलने का समय दिया. 


उन्होंने कहा कि 7 दिन बाद फिर से भीम विधायक हरि सिंह रावत (बीजेपी) से मिले लेकिन कोई रेस्पॉन्स नहीं मिला. इसके बाद विधायक के पुत्र रणजीत से फोन बात की गई तो उन्होंने हर बार एक दो दिन रूको का ही हवाला दिया लेकिन अभी तक पैसे ट्रांसफर नहीं किए. वहीं अब केशर सिंह का कहना है कि वह अब मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे है क्योंकि अभी मनरेगा के श्रमिकों को भुगतान करना है.


तो वहीं जब इस पूरे मामले को लेकर खमनोर बीडीओ हनुवीर सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि फर्म का नाम एक जैसा होने के कारण यह गफलत सामने आई है. इस बार को लगभग 8 से 10 माह हो गए. जिसको लेकर संबंधित फर्म से बात हुई उनसे लिखित और मौखिक भी निवेदन किया गया कि यह पैसा किसी और फर्म का है गलती से आपके पास आ गया है. लेकिन कोई रेस्पॉन्स नहीं मिला. ऐसे में सरकारी पैसा वसूली के तहत कानूनी कार्रवाई ध्यान में रखते हुए खमनोर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है.