Rajsamand news: राजस्थान के राजसमंद न्यायालय में जानबूझकर मिथ्या साक्ष्य देने की आरोपी महिला के विरुद्ध जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजसमंद राघवेंद्र काछवाल ने आपराधिक प्रकरण की कार्यवाही किए जाने का आदेश दिया है. 


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महिला के विरुद्ध
मामले को लेकर लोक अभियोजक जयदेव कच्छावा ने बताया कि दिनांक 25/7/ 2019 को पीड़िता ने एक लिखित रिपोर्ट भीम थाने पर उपस्थित होकर दर्ज करवाई थी कि नेनु सिंह ने रात्रि के अंधेरे का फायदा उठाते हुए चलती गाड़ी में ही उसके शरीर के साथ जोर जबरदस्ती करने की थी. 


न्यायालय राजसमंद ने आपराधिक
इस पर अभियुक्त नेनू सिंह के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया.न्यायालय में पीड़िता के सशपथ बयान लेखबद्ध किए गए जिसमें पीड़िता ने कथन किया कि नैनू सिंह ने मेरे साथ कुछ भी नहीं किया था, मेरे पति ने जेवर व पैसों की खातिर नैनू सिंह पर मुकदमा करवाया था.इसके बाद जिला एवं सेशन न्यायालय द्वारा अभियुक्त नैनू सिंह को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त घोषित किया गया.


 प्रकरण दर्ज करने का दिया आदेश
जिला एवं सेशन न्यायालय ने पीड़िता द्वारा सत्य जानते हुए व जानबूझकर मिथ्या साक्षी गढ़ने के आरोप में धारा 344 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत नोटिस दिए जाने व पीड़िता के विरुद्ध पृथक से विविध अपराधिक प्रकरण की कार्रवाई किए जाने का आदेश प्रदान किया गया.



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दो दिवसीय चिकित्सा कैंप का समापन


जयपुर मुख्यालय के आदेश पर जेल में बंद बंदियों के स्वास्थ्य के चैकअप में लिए दो दिवसीय मेडिकल कैंप का आयोज किया गया, जो कि आज सम्पन्न हुआ. बता दें कि इस आदेश के तहत राजसमंद जेल में बंद बंदियों की दूसरे दिन स्वास्थ्य की जांच की गई.



 राजसमंद के लगभग 7 चिकित्सकों की टीम ने लगभग 130 बंदियों के स्वास्थ्य की फिर से जांच की. इस दौरान जो बंदी बीमार पाया गया उसे दवा उपलब्ध करवाई गई. बता दें कि जेल में बंद ज्यादातर बंदी स्वस्थ्य पाए गए. इस दौरान राजसमंद जेल उपअधीक्षक राजू राम बिश्नोई भी मौजूद रहे.



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