राजसमंद विधानसभा सीट पर होगा त्रिकोणीय मुकाबला, 6 प्रत्याशियों ने लिए नामांकन वापस
राजसमंद न्यूज: निर्दलीय प्रत्याशियों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम 30 साल से भाजपा की सेवा कर रहे हैं लेकिन हमारी बात को नजर अंदाज किया गया.
राजसमंद: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के चलते सियासी बिसात बिछ चुकी है. नामांकन के अंतिम दिन राजसमंद जिले की चारों विधानसभा सीट से कुल 06 प्रत्याशियों ने अपने नामांकन वापस लिए. तो वहीं अब राजसमंद विधानसभा सीट पर इस बार चुनाव काफी रोचक हो गया है. इसी के चलते राजसमंद विधानसभा सीट पर अब त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा.
इस त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा की दिप्ती माहेश्वरी, कांग्रेस से नारायण सिंह भाटी और भाजपा से बागी हुए निर्दलीय दिनेश बड़ाला हैं. तो वहीं सबसे रोचक बता यह है कि राजसमंद विधानसभा सीट से जिन दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए हैं उन्होंने ने भी निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश बड़ाला को समर्थन देने की बात कही है.
इसी के साथ राजसमंद आरएलपी पार्टी ने भी निर्दलीय को समर्थन दे दिया है. आपको बता दें कि राजसमंद विधानसभा सीट पर लोकल प्रत्याशी की मांग ने काफी तूल पकड़ा था और लोकल को टिकट नहीं देने पर पूर्व में राजसमंद जिला भाजपा कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ भी हुई थी और ऐसे में आक्रोशित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने पद से इस्तीफे भी दिये थे.
ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशियों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम 30 साल से भाजपा की सेवा कर रहे हैं लेकिन हमारी बात को नजर अंदाज किया गया और हम चुनाव में भाजपा का साथ नहीं देंगे. हमारा पूरा समर्थन लोकल उम्मीदवार व निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश बड़ाला को रहेगा. इन्हें जिताएंगे और राजस्थान विधानसभा में भेजेंगे हमें पूरा भरोसा है.
आपको बता दें कि भीम विधानसभा सीट से एएसपी प्रत्याशी दिनेश कुमार और निर्दलीय हरि सिंह पिता मोहन सिंह ने नामांकन वापस लिया है. राजसमंद विधानसभा सीट से निर्दलीय महेंद्र कुमार व निर्दलीय गणेश लाल ने अपना नामांकन वापस लिया है. तो वहीं नाथद्वारा से निर्दलीय प्रत्याशी लक्ष्मीलाल माली एवं शांतिलाल वैष्णव ने नामांकन वापस लिया है. कुंभलगढ़ विधानसभा सीट की बात की जाए तो यहां से किसी भी प्रत्याशी ने नाम वापस नहीं लिया है. आपको बता दें कि पूर्व में राजसमंद कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष भवगत सिंह गुर्जर पार्टी से टिकट बंटवारे को लेकर नाराज हुए थे ऐसे में कांग्रेस के नेता गुर्जर को मनाने में कामयाब हुए.
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