Gangapur: सवाई माधोपुर जिले के वजीरपुर उपखंड क्षेत्र के मीना बड़ोदा गांव में इंसान और पक्षियों के बीच अजब प्रेम और एक दूसरे के साथ एक एक पल गुजारने की रोचक कहानी देखने को मिली. पशु पक्षी बेजुवान जरूर होते है, लेकिन उनके अंदर भी भावनाएं होती है. वो भी प्रेम, संवेदना और क्रूरता के अंतर को महसूस कर सकते है और अगर उन्हें प्रेम और अपनापन मिले तो उनके साथ गहरा रिश्ता बनाया जा सकता है. 


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ऐसी ही वानगी सवाई माधौपुर जिले के वजीरपुर उपखंड के मीना बड़ौदा गांव में देखने को मिली कहते है कि बेजुबान पशु पक्षी भी प्यार की भाषा समझते है. बहुत से लोग है, जो इन बेजुबान का पालन पोषण वैसे ही करते हैं. जैसे इंसानी बच्चों का किया जाता है. पशु पक्षियों से इंसान के बेइंतहा प्यार के कई सारे दिलचस्प किस्से भी है, लेकिन सवाई माधोपुर के वजीरपुर उपखंड क्षेत्र के मीना बड़ौदा गांव की कहानी कुछ अलग ही है. 


अक्सर इंसान की आहट से दूर भाग जाने वाले पशु पक्षी सवाई माधोपुर के वजीरपुर उपखंड के मीणा बड़ौदा गांव के एक परिवार के साथ इस तरह घुल मिल गए हैं, जैसे उनका इस परिवार से जन्मों का रिश्ता हो. मीना बड़ौदा गांव निवासी मुनेश मीना बताते है कि 2 साल से उनके साथ चिड़िया, गिलहरी, मोर और अन्य पक्षी रोजाना खूब मस्ती करते हैं. मुनेश मीना भी रोज पक्षीयों को दाना खिलाते है और यह पक्षी भी बड़े चाव से बेखोफ होकर मुनेश के हाथों से दाना खाते हैं. इस दौरान यह पक्षी उनसे प्यार जताते हैं ये पक्षी अपना दुलार जताने के लिए कभी उनके शरीर पर चढ़ जाते है और खूब मस्ती करते हैं.


मुनेश मीना बताते हैं कि 2 साल पहले उनके घर पर जो पक्षी आते थे. उन्हें दाना पानी डालते थे जिसके बाद इन पक्षियों की मुनेश व उसके परिवार जनों के साथ गहरी दोस्ती हो गई. अब यह पक्षी रोजाना मुनेश के घर सुबह-शाम आते है. मुनेश और उनके परिवार जन पक्षियों को दाना पानी खिलाते पिलाते हैं, जिसके बाद यह पक्षी वापस अपने अपने ठिकानों पर लौट जाते हैं और यह सिलसिला अनवरत जारी है. परिवार के लोगों के साथ भी पक्षी खूब मस्ती करते है जिसे देखने के लिए आसपास के लोग भी मुनेश के घर पहुंचते है. पक्षियों और इंसानों के बीच ऐसे प्रेम भाव के चर्चे दूर-दूर तक फैल रहे है, जो इंसानों और बेजुबानों के बीच प्रेम का अनूठा उदाहरण हैं.


मीना बड़ोदा गांव का ये परिवार गांव के साथ-साथ आसपास के इलाके में भी पक्षी प्रेम को लेकर खासा चर्चित है मुनेश मीना का कहना है कि इन बेजुबानों के साथ अब ऐसा रिश्ता वन गया है जो इनसे एक पल के लिए दूर होने पर बेचैन कर देता है. इनकी सार संभाल के लिए हमेशा घर पर ही ज्यादातर समय गुजरता है मुनेश एक दिन के लिए भी इन बेजुबानों की आखों से ओझल हो जाए तो ये पक्षी शोर करके इधर उधर उड़कर मुनेश को ढूंढते फिरते हैं. ऐसे में बेजुबान पक्षियों और इंसानों के प्रेम की ये बहुत बड़ी मिशाल साबित हो रही है.


Reporter: Arvind Singh