Sawai Madhopur: प्रदेश में गोवंश पर कहर बरपा रहे लंपी वायरस का सवाई माधोपुर जिले में भी जबरदस्त प्रकोप देखने को मिल रहा है. सरकारी आंकड़ों की माने तो जिले में तकरीबन 4 हजार 50 गोवंश लंपी रोग से ग्रसित हैं, जिसमे से 949 गोवंश रिकवर हो चुके हैं. वहीं, अब तक 57 गोवंश की लंपी की वजह से मौत हो चुकी है, जबकि धरातल पर हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं, जो सरकारी आंकड़ों से बिल्कुल विपरीत हैं. जिले में गोवंश में लंपी वायरस का प्रकोप सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक हैं. हालांकि पशुधन विभाग द्वारा लंपी वायरस की रोकथाम को लेकर कई कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. 


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प्रदेश सहित सवाई माधोपुर जिले में लंपी वायरस गोवंश पर कहर बरपा रहा हैं. लंपी के चलते सरकारी आंकड़ों के विपरीत जिले में सैंकड़ो गोवंश की मौत हो चुकी है. जिले के बौंली ,बामनवास , खंडार, चौथ का बरवाड़ा, गंगापुरसिटी सहित सभी उपखंड क्षेत्र में लंपी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. 


जानकारी के अनुसार, जिले में वर्ष 2019 की गणना अनुसार 77 हजार 627 गोवंश है. वर्तमान में सवाई माधोपुर जिले में लंपी स्किन बीमारी का प्रकोप चल रहा है, जिसके चलते सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 4 हजार 50 गोवंश लंपी रोग से ग्रसित हो गए हैं, जिनमें से 949 गोवंश इस रोग से ठीक हो गए हैं और 57 गोवंश की मृत्यु हो चुकी है. वहीं, सरकारी आंकड़ों के विपरीत जिले में चार गुना गोवंश की मौत हो चुकी है, जिसके चलते लंपी रोग के और अधिक फैलने की संभावना है. 


सवाई माधोपुर जिले में 23 रजिस्टर्ड गोशालाएं संचालित हैं, जिसमें से 5 गोशालाएं वजीरपुर, शिवाड़, भगवतगढ़, बहरावंडा कला और भेड़ोली में 60 गोवंश लंपी रोग से संक्रमित हो चुके हैं. सवाई माधोपुर जिले के बामनवास, बौंली, गंगापुर सिटी एवं चौथ का बरवाड़ा में लम्पी रोग का प्रकोप ज्यादा है. 


जिले के खंडार उपखंड सहित कई जिले भर में लंबी वायरस कहर बरपा चुका है. खंडार क्षेत्र में भी वायरस दस्तक दे चुका है, गोवंश के लिए यह लंपी वायरस काल का ग्रास बनता हुआ जा रहा है. उपखंड सहित कहीं ग्रामीण इलाकों में कई गोवंशों में लंपी वायरस के लक्षण पाए गए. ऐसे में वायरस की चपेट में आय दर्जन भर की संख्या में गोवंश तड़प-तड़प कर इस काल के ग्रास में दम तोड़ते हुए समा गए, लेकिन खंडार क्षेत्र में पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी सहित प्रशासन पशुओं के इलाज के नाम पर आंखें मूंदकर कुंभकरण की नींद में सो रहा है. 


गुस्साए पशुपालकों ने मीडिया से रूबरू हुए बताया कि आखरी क्षेत्र में गोवंश सहित अन्य पशु कब तक लंपी वायरस बीमारी का दंश झेलते रहेंगे. वायरस बहुत तेजी से पशुओं में फैल रहा है, लेकिन चिकित्सा विभाग सहित प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसे क्षेत्र के लोगों में भारी रोष व्याप्त है. पशुपालकों की माने तो जिले में लंपी वायरस ने दुधारू पशुओं को अपनी गिरफ्त में ले लिया है, जिले के अधिकांश गांवों में दर्जनों की संख्या में गोवंश की मौत हो रही है. 


फिर भी पशु चिकित्सा विभाग सहित प्रशासन कुंभकरण की गहरी नींद में सोया हुआ है. ऐसे में पशुपालकों में आक्रोश व्याप्त है. इसी आक्रोश के चलते आज सुनारी गांव के ग्रामीणों ने लंपी वायरस की रोकथाम को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. जिले में अगर यही हालत रहे तो आने वाले वक्त में लंपी का प्रकोप ओर भी भयावक होने की आशंका है. लंपी वायरस की चपेट में आए पशुओं की लगातार मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. दुधारू पशुओं की मौत से पशुपालक कॉपी चिंतित हैं और दूसरी तरफ दूध के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं. लंपी वायरस की चपेट में आने वाले दुधारू पशुओं में दूध की कमियां होती जा रही है. 


जिले में लगातार गौवंश में बढ़ता लंपी वायरस का प्रकोप पशुपालकों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है. हालांकि पशु पालन एंव पशु चिकित्सा विभाग द्वारा लंपी वायरस की रोकथाम को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन विभागीय प्रयास ना काफी साबित हो रहे है. इसके चलते गोवंश की लगातार मौत के आंकड़ों में वृद्धि हो रही है. जिले में लंपी वायरस को लेकर सरकारी आंकड़े धरातल से बिल्कुल ही विपरीत है. जिले में लंपी रोग की रोकथाम को लेकर प्रयास न काफी साबित हो रहे है, जिसके चलते लंपी वायरस जिले में गोवंश में तेजी से फैलता जा रहा है. 


Reporter- Arvind Singh


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