गौवंश में फैल रहे लम्पी स्किन डिजीज(Lumpy Skin Disease) की रोकथाम के लिए संसाधनों की कमी को लेकर (PIL filed in Rajasthan High Court ) राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश की गई थी. शुक्रवार को कोर्ट ने इस याचिका में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए पशु चिकित्सकों को दवाएं, शुल्क और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए है.
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Jaipur: गौवंश में फैल रहे लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए संसाधनों की कमी को लेकर (PIL filed in Rajasthan High Court ) राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश की गई थी. शुक्रवार को कोर्ट ने इस याचिका में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है.
हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर नोटिस जारी कर राज्य सरकार को पशु चिकित्सकों को दवाएं, शुल्क और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए है. विभिन्न समाचार रिपोर्टों का हवाला देते हुए , याचिका में कहा गया है कि राजस्थान में अब तक तकरीबन 4.2 लाख मवेशी इस बीमारी से संक्रमित हैं, जिनमें लगभग 22,000 से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है.
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साथ ही कोर्ट ने आदेश देते हुए संक्रमित मवेशियों के लिए आईसोलेशन कैंप बनाने और इस बीमारी के कारण मरने वाले मवेशियों के उचित अंतिम संस्कार के लिए निर्देश दिए है.
बता दें कि, हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और न्यायाधीश विनोद कुमार भरवानी की बैंच ने राजस्थान के अधिवक्ता सुनील कुमार सिंह के जरिए लम्पी स्किन की दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की गई. इससे पहले इसी तरह की याचिका महेश झालानी ने भी दायर की थी, जिस पर पिछले महीने अदालत ने नोटिस जारी किया था. फिलहाल कोर्ट ने अब इन दोनों याचिकाओं को एक साथ जोड़ कर इस पर फैसला सुनाया है.
उन्होंने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि, पशुचिकित्सकों के जरिए संक्रमित मवेशियों के लिए अलग स्थान बनाने में वह विफल रहे हैं. जिसके कारण दोनों तरह के संक्रमित और असंक्रमित मवेशी एक ही स्थान पर रह रही है, जिसके कारण हालात और भी भयानक होते जा रहे है.
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