Sawai madhopur news: खबर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले से है, अनुसूचित जाति विकास परिषद के महामंत्री ओमप्रकाश डंगोरिया ने बताया कि राजनीतिक दबाव में आकर नगरपालिका तिराहे पर स्थित बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पार्क की दीवारें तोड़ी गई हैं. उक्त पार्क का निर्माण 1990 में ग्राम पंचायत बौली के तारीख फैसला 25 मार्च 1989 के अनुसार करवाया गया था और तभी बाबा साहेब की प्रतिमा का अनावरण भी करवा दिया गया था. 


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कुछ सामाजिक तत्वों द्वारा बाबा साहेब की प्रतिमा को खंडित किए जाने के कारण 25 अप्रैल 1992 को दोबारा राजस्थान सरकार के तत्कालीन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कुंदनलाल मिगलानी के कर कमलों द्वारा एवं पूर्व मंत्री जोगेश्वर गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित समारोह के दौरान प्रतिमा का अनावरण किया गया था. पार्क के निर्माण और सौंदर्यकरण के लिए राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोडी लाल मीणा ने उस समय अपने विधायक कोष से पार्क की चारदीवारी का भी निर्माण करवाया था. पार्क निर्माण के बाद हर वर्ष अंबेडकर जयंती व निर्माण दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन होता है. 


साथ ही स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर भी आमजन की उपस्थिति में अनुसूचित जाति विकास परिषद द्वारा राष्ट्रीय ध्वजारोहण किया जाता है. लेकिन वर्तमान में कुछ दिनों पूर्व ही हाईवे निर्माण के दौरान पीडब्ल्यूडी द्वारा पार्क की चारदीवारी को तोड़ दिया गया. प्रकरण को लेकर संगठन ने एसडीएम कार्यालय, पीडब्ल्यूडी कार्यालय व जिला कलेक्टर के यहां ज्ञापन भी दिए. ज्ञापन के माध्यम से संगठन ने बताया कि कनिष्ठ अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग ने अपने पत्र के द्वारा उल्लेखित किया था कि अंबेडकर पार्क बौली द्वारा सार्वजनिक निर्माण विभाग की सड़क सीमा में 1.80 मीटर पक्का अतिक्रमण किया हुआ है.


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सड़क को अत्यधिक चौड़ी करने और चौराहा बनाने के बहाने प्रतिमा पार्क की 1.80 मीटर के बजाय सारे पार्क की दीवारों को ही सड़क बनाने वाले ठेकेदार द्वारा राजनीतिक दबाव में आकर तोड़ दिया गया. अनुसूचित जाति विकास परिषद ने इसे संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का अपमान बताया साथ ही क्षेत्रीय अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग की नाराजगी का हवाला देते हुए पार्क के पुनरनिर्माण की मांग की.


इस दौरान संगठन द्वारा समस्या समाधान न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी गई. संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि व्यक्तिगत स्तर पर भी उन्होंने दीवारें बनाने की कोशिश की लेकिन प्रशासन द्वारा उन्हें रोक दिया गया. ऐसे में अनुसूचित जाति विकास परिषद द्वारा निष्पक्ष कार्यवाही की मांग की गई.