Sawai Madhopur: सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय के सीमेंट फैक्ट्री इलाके के लोगों के लिए दहशत का पर्याय बन चुका पैंथर का रेस्क्यू कर लिया गया है. पैंथर के पकडे़ जानें के बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है. गौरतलब है कि सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय के सीमेंट फैक्ट्री इलाके में पिछले कुछ दिनों से लगातार पैंथर के मूवमेंट से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है. लोग पैंथर के डर से शाम सुबह भी घर से बाहर निकलने में कतराने लगे हैं. 


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पैंथर लगातार पालतू जानवरों को निशाना बना रहा था. पैंथर पकड़ने के लिए यहां पिछले 5 दिनों से पिंजरा लगाया जा रहा था लेकिन चालक पैंथर पिंजरे में रखे शिकार के आसपास नहीं भटक रहा था लेकिन आज रात को पिंजरे में बंद बकरी का शिकार करने के लिए पैंथर जैसे ही पिंजरे में घुसा गेट बंद हो गए और पैंथर पिंजरे में कैद हो गया. पैंथर को पिंजरे में कैद कर लिया गया है जबकि और भी पैंथर होने की संभावना जताई जा रही है. 


पिछले काफी दिनों से लगातार सीमेंट फैक्ट्री इलाके में पैंथर का मूवमेंट देखा गया, जिसे लेकर स्थानीय लोगों में पैंथर की दहशत बैठ गई और लोगों ने वन विभाग के अधिकारीयों से फैक्ट्री परिसर में डेरा डाल चुके पैंथरों को पकड़ने की गुहार लगाई, जिसे लेकर वन विभाग की टीम द्वारा सीमेंट फैक्ट्री परिसर में पिंजरा लगाया गया और पैंथर को लुभाने के लिए पिंजरे में एक बकरी भी बांधी गई. बकरी के शिकार के लाचल में पैंथर पिंजरे में फंस गया और वन विभाग की टीम को एक पैंथर पकड़ने में सफलता मिल गई.


स्थानीय लोगों के अनुसार सालों से बंद सीमेंट फैक्ट्री परिसर में घना जंगल होने के कारण पैंथर का एक पूरा परिवार रणथम्भौर के जंगलों से निकलकर फैक्ट्री परिसर में आ पहुंचा और यही पर अपना डेरा जमा लिया है. वनकर्मीयों के अनुसार अभी सीमेंट फैक्ट्री परिसर में और पैंथरों के होने की संभावना है, जिन्हे पकड़ने के लिए फैक्ट्री परिसर में फिर से पिंजरा लगाया जाएगा. 


नर पैंथर के पकड़ में आने से स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है. वहीं सीमेंट फैक्ट्री के लोगों का कहना है कि फैक्ट्री परिसर में दो और भी पैंथर है और वन विभाग की टीम के सहयोग से उन्हें भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा, जिससे पैंथर को लेकर स्थानीय लोगों में व्याप्त दहशत समाप्त हो सके और सीमेंट फैक्ट्री के लोग बिना डरे यहां-वहां आ जा सके. पैंथर के पकड़ में आने के साथ ही लोगों ने राहत की सांस ली है. पैंथरों के मूवमेंट का सबसे बड़ा कारण फैक्टी परिसर में बडी-बडी झाड़ियों और दखनी बबूल का होना माना जा रहा है. 


सालों से बंद पड़ी फैक्ट्री जंगल में तब्दील हो चुकी है. वहीं दूसरी ओर रणथंभौर के जंगल में बाघों के दबाव से भी पैंथरो का रुख बाहर की ओर हो चुका है. सीमेंट फैक्ट्री में पानी की उपलब्धता और आस-पास शिकार आसानी से मिलने की वजह से वन्यजीवों का मूवमेंट बना रहता है. एक दो बार तो टाइगर भी यहं देखा गया है, वही रीछ जैसे वन्यजीव भी आते रहते है. लोगो की मांग है कि सीमेंट फैक्ट्री परिसर और आस पास से झाड़ियों की सफाई करवाई जाए, जिससे वन्यजीवों को छिपने की जगह न मिल सके.


Reporter: Arvind Singh


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