Sikar: केंद्र सरकार ने सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना लागू करने के बाद युवायों में योजना के प्रति आक्रोश पनप गया है. युवाओं ने इस योजना के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए धरने प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं.


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सीकर जिले में भी युवाओं ने इस योजना को वापस लेने और ढाई साल से भर्ती नहीं होने के कारण ओवर एज हो चुके बेरोजगारों ने छूट देने की मांग की है. शेखावाटी अंचल के सीकर झुन्झुनू चुरू जिले से देश में सर्वाधिक सैनिक है. सेना में भर्ती होना यहां एक पेशन माना जाता है सेना भर्ती रेलियों में भर्ती के लिए हजारों की युवा उमड़ते हैं तो युवा सेना में भर्ती होने के लिए युवा तैयारी करते हैं.


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सेना में भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं ने इस अग्निपथ योजना को युवाओं को बेरोजगारी बढ़ाने वाला बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है. युवायों ने इसके खिलाफ उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया है. कई राजनीतिक दलों ने भी इसके विरोध में बिगुल बजा दिया है.


सेना में भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं का कहना है कि इससे बेरोजगारों की फौज खड़ी होगी. इस योजना में चार साल बाद फौजी घर आ जायेगा, उसके बाद उसे वापस बेरोजगारी की लाइन में खड़ा होना पड़ेगा. फिर से तैयारी करो. यूथ का कहना है कि इससे सेना में भर्ती होने के प्रति क्रेज कम होगा. हालांकि केंद्र सरकार का दावा है कि इससे यूथ आत्मनिर्भर भी बनेगा. चार साल बाद जब वह रेगुलर नहीं हो सकेगा, तब उसके पास इतना पैसा होगा कि वह अपना व्यवसाय कर सकेगा और 21 साल बाद अन्य अवसर भी पा सकेगा, लेकिन सरकार की दलील युवाओं के गले नहीं उतर रही है.


इस योजना के खिलाफ रालोपा सहित कम्युनिस्ट पार्टियां भी खड़ी हो गई है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ विभिन्न संगठन विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है तो कइयों ने आंदोलन की रणनीति बनानी शुरू कर दी है. वहीं पिछले ढाई साल से सेना भर्ती नहीं निकाली गई, जिसके चलते जो युवा तैयारी कर रहे थे वो ओवर एज हो गए हैं. उनका कहना है कि भर्ती पुराने पैटर्न पर शुरू की जाए और युवाओं को उम्र में छूट दी जाए.


फिलहाल अग्निपथ योजना कर विरोध में प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है. वहीं केंद्र सरकार इसे देश हित और युवाओं का हित में फैसला बता रही है, लेकिन युवा इसे मानने को तैयार लग नहीं हैं. अब देखना है युवाओं के विरोध के बाद सरकार इस योजना में क्या तब्दीली करती है, जिससे युवा इसे स्वीकार करें.


Reporter- Ashok Singh Shekhawat


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