सीकरी में उदयपुर हत्याकांड के विरोध में हिंदू संगठनों ने निकाला मौन जुलूस
उदयपुर हत्याकांड के विरोध में विभिन्न हिंदूवादी संगठनों ने सीकर शहर में मौन जुलुस निकाला और रामलीला मैदान से जिला कलेक्ट्रेट तक मौन जुलूस निकाला.
Sikar: उदयपुर हत्याकांड के विरोध में विभिन्न हिंदूवादी संगठनों ने सीकर शहर में मौन जुलुस निकाला. रामलीला मैदान से जिला कलेक्ट्रेट तक मौन जुलूस निकाला. जुलूस मे काफी संख्या में लोग जनप्रतिनिधि सामाजिक और हिंदूवादी संगठन के लोग शामिल हुए. मौन जुलूस में मातृ शक्ति ने भी हिस्सा लिया.
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पूरे जुलूस के दौरान पुलिस प्रशासन ने आसपास के क्षेत्र की वीडियो रिकॉर्डिंग की ड्रोन से भी निगरानी रखी शहर में आरएसी की तीन बटालियन के साथ ही 600 जवानों का जाप्ता तैनात रहा सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती और सन्तों ने हत्यारों को जल्द सजा देने और इस तरह की घटना दोबारा ना हो की मांग का कलेक्टर को ज्ञापन दिया. जुलूस में जिलेभर के कई संत-महंत सहित सीकर सांसद सुवेधाननद सरस्वती भी शामिल हुए.
जिनमें बुधगिरी मढ़ी फतेहपुर के महंत दिनेश गिरी, रैवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य महाराज, गाड़ोदा धाम के महावीर जती, सांगलिया पीठ के ओमदास महाराज शामिल थे. मौन जुलुस बहुत ही शांतिपूर्वक निकाला गया. उदयपुर हत्याकांड को लेकर सीकर शहर में पहले भी इंटरनेट बंद किया जा चुका है.
इस मौन जुलूस के दौरान सीकर में नेटबंद रहा. कल से ही नेट बंद कर दिया गया था. हालांकि पहले यहां चालू कर दिया गया बाद में जुलूस के चलते वापस नेट बंद कर दिया गया. इसके बाद कलेक्टर को ज्ञापन देकर हत्यारो को फांसी की सजा की मांग की. लोहार्गल धाम के महंत अवधेशाचार्य ने कहा कि ऐसी भी किसी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
आज मौन जुलूस निकालकर यह संदेश दिया गया है कि ऐसी घटनाएं आगे भी हुई तो इस मौन को तोड़ दिया जाएगा. ऐसी जगण्य अपराध करने वालों को छोड़ा नहीं जाना चाहिए. हत्यारों को 7 दिन में फांसी की सजा होनी चाहिए. सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि अमरावती और उदयपुर में जो घटनाएं हुई है.
उसके विरोध में आज वाणी की बजाय मौन रहकर प्रशासन से न्याय मांगा गया है. उम्मीद है कि जल्द हत्यारों को उनके पापों की सजा मिलेगी रेवासा के जानकीनाथ मंदिर महंत राघवचार्य ने कहा कि यदि पुलिस और प्रशासन से दबाव हटा लिया जाए तो ऐसी कोई भी घटना नहीं होगी. घटना होने के पहले ऐसी दरिंदो को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.