Neemkathana, Sikar News: नीमकाथाना में आई फ्लू का प्रकोप देखने को मिला है. नीमकाथाना जिला अस्पताल और निजी अस्पतालों में इन दिनों आई फ्लू मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. जिला अस्पताल में आई फ्लू के मरीजों की संख्या रोजाना की 100 से ऊपर ओपीडी में देखने को मिल रही है तो वहीं दूसरी ओर निजी अस्पतालों का भी यही हाल देखने को मिल रहा है. 


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शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी आई फ्लू का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. घर का एक सदस्य संक्रमित हुआ. उसके बाद संपर्क में आकर पूरा परिवार आई फ्लू का शिकार हो रहे हैं. नीमकाथाना जिला अस्पताल में आई फ्लू के मरीजों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. नेत्र रोग की ओपीडी में करीब 100 से ज्यादा मरीज हर रोज पहुंच रहे हैं. 


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जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. सुमित गर्ग ने बताया कि 20 जुलाई से आंख के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. गर्मी और उमस ज्यादा होने से वायरल के साथ ही आई फ्लू का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. आई फ्लू एक संक्रमित बीमारी है. नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. कंचन गुप्ता ने बताया कि आई फ्लू होने पर मरीज की आंख चुभन होती है, पलकों में सूजन आती है, दर्द, लाल होना, बार-बार कीचड़ आना और आंख का चिपकना जैसी स्थिति ही आई फ्लू के लक्षण हैं. अगर किसी भी व्यक्ति को इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे तुरंत नेत्र विशेषज्ञ की सलाह लें. 


समय पर इलाज बेहद जरूरी
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पूजा जांगिड़ ने बताया कि इन दिनों जिला अस्पताल में 5 मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि आई फ्लू संक्रमण होने पर तुरंत चिकित्सकों से सलाह लें, जिससे समय पर उपचार हो सके. उन्होंने बताया कि आई फ्लू से पीड़ित मरीज के संपर्क में आने से बचें. 


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इन बातों का रखें ध्यान
मौसमी बीमारियों से पीड़ित खासकर सर्दी-जुकाम खांसी और बुखार से पीड़ित मरीज के उपयोग किए गए कपड़े बर्तन कोई भी वस्तु का उपयोग ना करें. घर से बाहर निकले तो आंखों पर धूप के चश्मे का उपयोग करें. किसी भी सामान को छूने के बाद हाथ साबुन से साफ करें या फिर सैनिटाइज करें. इसके साथ ही आपस में रुमाल-तौलिया आदि चीजों को शेयर ना करें. हाथ ना मिलाएं. धूल केमिकल और तेज धूप से बचें. स्विमिंग भी ना करें.