Anupgarh: श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ के मेला ग्राउंड में आयोजित दशहरा कमेटी की ओर से रामलीला में शुक्रवार रात राम वनवास, केवट के भाग्य, श्रवण कथा, दशरथ की मृत्यु का चित्रण किया गया. दशहरा कमेटी के अध्यक्ष हेतराम सिंगाठिया ने बताया कि आमजन के सहयोग से भव्य रामलीला का आयोजन किया जा रहा है. पुलिस प्रशासन के द्वारा भी सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाने के लिए मेला ग्राउंड में पुलिस जाब्ता लगाया गया है. 


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रामलीला के दौरान दशहरा कमेटी के अध्यक्ष हेतराम सिंगाठिया, व्यापार मंडल के अध्यक्ष बूलचंद चुघ वरिष्ठ व्यापारी और समाजसेवी प्रेम नागपाल, महक फाउंडेशन के अध्यक्ष दीपक अग्रवाल, सुखदेव ओड सहित गणमान्य नागरिक और जनसमूह उपस्थित रहा. 


शुक्रवार रात रामलीला में राम वनवास का चित्रण किया गया. राम वनवास के दृश्य को देखकर पंडाल में बैठे दर्शक भावविभोर हो गए. राजा दशरथ ने कैकई के कहने पर भगवान श्री राम को 14 वर्ष का वनवास दिया. भगवान श्री राम सीता और लक्ष्मण के साथ राजा दशरथ के कहने पर अयोध्या से वनवास के लिए प्रस्थान कर गए. 


भीलो की भक्ति से प्रसन्न हुए राम
भगवान श्री राम लक्ष्मण और सीता के साथ वनवास पर चले गए और जब वह भीलो की बस्ती में पहुंचे तो वहां के राजा निषाद के द्वारा उनका खूब मान-सम्मान किया गया। भीलो की बस्ती में पहुंचने के बाद भगवान श्रीराम ने केवट से नौका मंगवाई और गंगा के पार हो गए. 


केवट के भाग्य
भीलो की बस्ती में भगवान श्रीराम ने केवट को बुलाया. भगवान श्री राम के द्वारा केवट को बुलाए जाने पर केवट बड़ा प्रसन्न हुआ. उसने भगवान श्री राम के चरण धोकर उनकी पूजा कर अपने जीवन को सफल बनाया. बताया जाता है कि केवट के ऐसे करने पर केवट के भाग्य खुल गए. 


राम के वियोग में राजा दशरथ ने त्यागे प्राण
भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास से राजा दशरथ बिल्कुल टूट चुके थे. भगवान श्री राम के वियोग में राजा दशरथ बीमार रहने लग गए. रामलीला के मंचन के दौरान राजा दशरथ की मृत्यु का दृश्य बड़ा ही भावविभोर करने वाला था. 


Reporter- Kuldeep Goyal 


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