परिंदों की सेवा की शपथ के साथ मनाया गया डेरा सच्चा सौदा का स्थापना दिवस
हरीश बजाज ने बताया कि परिंदे हमारे पर्यावरण को संरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाते हैं इसलिए पूज्य गुरू जी की प्रेरणा से इस भयंकर गर्मी में पक्षियों के लिए पानी के कसोरे रखे जाएंगे.
Sadulshahar: डेरा सच्चा सौदा का 74वां स्थापना दिवस सादुलशहर के गांव बुधरवाली के मौजपुर धाम में में धूमधाम और खुशी से मनाया गया. इस अवसर पर जरूरतमंद परिवारों को राशन किटें दी गई. भीषण गर्मी के मद्देनजर पक्षियों के लिए परिंडे भी बांटें गए. इस मौके पर दो जरूरतमंद व्यक्तियों को ट्राई साइकिल भी दी गई.
मैम्बर सोहनलाल नागपाल और हरीश बजाज ने बताया कि परिंदे हमारे पर्यावरण को संरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाते हैं इसलिए पूज्य गुरू जी की प्रेरणा से इस भयंकर गर्मी में पक्षियों के लिए पानी के कसोरे रखे जाएंगे. नामचर्चा में बड़ी बड़ी स्क्रीनों के माध्यम से पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के अनमोल वचन साध संगत ने बड़ी श्रद्धा के साथ श्रवण किये और इन वचनों को अपने जीवन में अम्ल करने का संकल्प लिया.
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डेरा सच्चा सौदा के स्थापना दिवस के मौके अनुयायिओं का उत्साह देखने लायक था. अनुयायियों के आने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया और दोपहर तक लगातार चलता रहा. जानकारी के मुताबिक पावन भंडारे पर करीब डेढ़ लाख अनुयायी विभिन्न जगहों से पहुंचे और अनुयायियों के लिए लगाए गए पंडाल छोटे पड़ गए और तीन बार पंडाल और लगाने पड़े. जानकारी के मुताबिक पावन भंडारे पर करीब डेढ़ लाख अनुयायी विभिन्न जगहों से पहुंचे और अनुयायियों के लिए लगाए गए पंडाल छोटे पड़ गए और तीन बार पंडाल और लगाने पड़े. इसके बाद भी हजारों की संख्या में अनुयायी पंडाल के बाहर या जहां जगह मिली वहीं बैठ गए.
गर्मी को देखते हुए किये गए विशेष इंतजाम
इन दिनों इलाके में पड़ रही भयंकर गर्मी को देखते हुए सेवादारों द्वारा विशेष इंतजाम किये गए. जगह जगह ठन्डे पानी की मशीने लगाई गयी. इसके साथ साथ दरबार में भी भाइयों और बहनों की पानी की सेवा पहुंचाई गयी. बैठने के लिए छायादार पंडाल की व्यवस्था की गयी. इसके साथ साथ कूलर और पंखों की भी व्यवस्था की गयी. ट्रैफिक सेवादारों द्वारा श्रद्धालुओं के वाहनों को बड़ी तरतीब से ग्राउंड में पंक्तिबद्ध लगाया गया और सड़कों पर लगातार ड्यूटी देकर जाम से बचाया गया.
परिंदों की सेवा को जीवन का अभिन्न अंग बनाने का आहवान
नामचर्चा के दौरान साध संगत से मानवता भलाई कार्यों को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाने का आहवान किया गया और भीषण गर्मी में बेजुबान परिंदों के लिए अपने अपने घरों की छतों और आस पास के पेड़ों पर परिंडे बांधने और उनमे नियमित रूप से दाना पानी उपलब्ध करवाने की बात कही गयी. जिस पर मौजूद अनुयायियों ने अपने घरों पर परिंडे बांधने की शपथ ली. इस दौरान उन्हें नामचर्चा में ही परिंडे उपलब्ध करवाए गए.
दुनिया भर में मनाया जाता है स्थापना दिवस
गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा सरसा की 29 अप्रैल 1948 को पहली पातशाही पूजनीय बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने स्थापना की थी. इसलिए डेरा सच्चा सौदा के दुनिया भर में मौजूद 7 करोड़ श्रद्धालु पूरे अप्रैल माह को पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा शुरू किए गए 138 मानवता भलाई कार्यों को अंजाम देकर मनाती है.
Report-Kuldeep Goyal