Raisinghnagar: आम जनता सरकार नीतियों से त्रस्त है. प्रदेश में भी पेट्रो पदार्थों के दामों में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिससे परिवहन का खर्च बढ़ा है. नतीजन मंहगाई आसमान छू रही है. अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश भर विजयनगर में पहुंचे किसान प्रतिनिधियों ने इस संघर्षों को धरती से संकल्प लिया है कि जल्द ही संपूर्ण प्रदेश में सरकारों को घेरने का काम करेंगे. यह बात अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दातारामगढ़ से पूर्व विधायक कॉमरेड अमराराम ने पत्रकारों से संवाद करते हुए कही. उन्होंने कांग्रेस गहलोत सरकार और भाजपा नीत मोदी सरकार ने किसानों से वायदाखिलाफी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 10 दिन में कर्ज माफ करने वाली सरकार ने अपने वायदे को पूरा नहीं किया.


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वहीं, मोदी सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने से मुकर रही है और किसान खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है. अमराराम ने कहा कि गायों में लंपी नामक बीमारी के रोकथाम में गहलोत सरकार नाकाम रही है. वहीं, भाजपा भी ड्रामेबाजी के अलावा कुछ नहीं कर रही है. उन्हें गायों की चिंता होती तो मोदी सरकार लंपी को महामारी घोषित कर गायों के बचाव के साथ डेयरी किसानों और पशुपालकों के नुकसान की भी भरपाई करती. अमराराम ने मूंग की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर किसान सभा की अगुवाई में आंदोलन की घोषणा की. पैदा करने वाले किसान और खरीद करने वाले उपभोक्ता की लूट करने में दोनों सरकारें एक-दूसरे से कम नहीं है. दोनों के मंत्री, अफसर और उधमी मित्र मालामाल हो रहे है और जनता को कंगाली में धकेला जा रहा है. 


कांग्रेसी नेता का कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल होने के सवाल पर विधायक बलवान पूनिया ने कहा कि किसान सभा के जनता के मुद्दों पर तीखे संघर्षों से प्रभावित होकर हम पर लोगों का विश्वास बढ़ा है. नतीजन लोग हमारे संघर्षों में भागीदार बन रहे हैं. आने वाले समय में और भी लोग हमारे साथ आएंगे तभी जनता की लड़ाई मजबूत होगी. पूनिया ने कहा कि तीन दिवसीय राज्य सम्मेलन में प्रदेश भर से आए किसान प्रतिनिधि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों की अलग-अलग समस्याओं को एक साथ मिलकर लड़ने के लिए एकजुट हो रहे हैं. पूनिया ने प्रदेश में बड़े किसान आंदोलन की संभावना को व्यक्त किया. राज्य सम्मेलन के दूसरे दिन किसान प्रतिनिधियों ने किसान हित में प्रस्ताव पारित किए. 


अखिल भारतीय किसान सभा के 28 वें राज्य सम्मेलन के दूसरे दिन राज्य महासचिव छगन चौधरी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर दिन भर बहस चली, जिसमें 25 से अधिक जिलों के करीब 150 किसान प्रतिनिधियों ने भाग लिया और संगठन के विस्तार और मजबूती के लिए अमूल्य सुझाव दिए. 


नहरी सिस्टम को मजबूत करने के प्रस्ताव को किसान सभा के जिलाध्यक्ष कालू थोरी ने प्रस्तुत किया, जिसे राज्य सम्मेलन में सर्व सहमति से पारित किया गया. कालू थोरी ने कहा कि पौंग डेम में जल भराव को 1400 फीट कर आईजीएनपी के प्रथम चरण में अजमेर जेल समझौते के अनुरूप पूरा पानी देने, आईजीएनपी के घोषित रेगुलेशन को निरस्त कर चार में से दो समूह में सिंचाई पानी देने आईजीएनपी पर प्रस्तावित रिजर्वायर के निर्माण की योजना को निरस्त करना चाहिए. वहीं, पंजाब से राजस्थान के हिस्से का 0.6 एमएएफ पानी राजस्थान में लाना चाहिए और पाकिस्तान जाने वाले लाखों क्यूसेक पानी की रोकथाम होनी चाहिए. उन्होंने गंगनहर में सिंचाई पानी के असमान वितरण, फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण करने और नहरों में जहरीले और प्रदूषित पानी की रोकथाम करने के लिए राज्य सम्मेलन के समक्ष संघर्ष का आह्वान किया.


थोरी ने चंबल नदी से नहरी सिस्टम बनाने की योजना इस्टन कैनाल प्रोजेक्ट को अतिशीघ्र लागू कर प्रदेश के 13 जिलों में पानी देने और अनूपगढ़ के नजदीक घग्घर नदी के पानी को पाकिस्तान रोकने के बांध बनाने की मांग की. सम्मेलन में हरफूल सिंह ने देश की केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा डेयरी किसानों और पशुपालकों की पीड़ा को स्पष्ट करते हुए लंपी नामक चर्म रोग को महामारी घोषित कर गायों के इलाज की योजना बनाने और पशुपालकों को मुआवजा देने की मांग की. उन्होंने गाय के नाम पर प्रदेश की जनता से टैक्स वसूल करने और डेयरी पर 5 प्रतिशत जीएसटी लागू के बावजूद गायों के इलाज के प्रबंध नहीं किए गए. सम्मेलन ने मांग की कि मरने वाले पशुओं की गणना कर प्रति गाय एक लाख रुपये मुआवजा, मुफ्त इलाज, पशु चिकित्सकों के खाली पदों को भरने, लंपी से मरे बेसहारा पशुओं को गाड़ने के लिए राज्य सरकार योजना बनाए. 


किसान सभा के राज्य सम्मलेन ने देश और प्रदेश में बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा और जातीय उत्पीड़न की घटनाओं पर चिंता प्रकट की. किसानों से सांप्रदायिक और जातिवादी मानसिकता के खिलाफ संघर्ष खड़ाकर देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को मजबूत करने का आह्वान किया. देश भर में बेहताशा बढ़ती मंहगाई के विरोध में प्रस्ताव पारित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य सम्मेलन ने राज्य और केंद्र सरकार से सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करने, पेट्रोल डीजल की दामों में कटौती करने, किसानों को खाद, बीज, उर्वरक व कृषि संयत्रों के सब्सिडी लागू करने, जनता के लिए मुफ्त शिक्षा और मुफ्त चिकित्सा सहित रोटी कपड़ा और मकान का प्रबंध करने की मांग की. 


Reporter- Kuldeep Goyal


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