Anupgarh: राजस्थान के अनूपगढ़ के अपर जिला और सेशन न्यायायल संख्या एक की न्यायिक मजिस्ट्रेट सरोज चौधरी पत्नी नवरंग चौधरी की सोमवार को एक सड़क हादसे में मौत हो गई. पुगल थाना क्षेत्र के गांव जालवाली और नूरसर के बीच बोलेरो और कार की हुई. आमने-सामने टक्कर में कार सवार सरोज चौधरी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया और इस हादसे में दोनों वाहनों में सवार चार जनों में से 3 गंभीर घायल हो गए, जिनका उपचार बीकानेर के अस्पताल में चल रहा है. एडीजे चौधरी के कार चलाने वाले अनूपगढ़ कोर्ट के कर्मचारी की हालात भी गंभीर बताई जा रही है.


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जानकारी के अनुसार सरोज चौधरी का नियमित ड्राइवर की पुत्री का पेपर होने के कारण वह अवकाश के चलते जयपुर गया हुआ था. एडीजे चौधरी को निजी कार्य होने के कारण उन्होंने अपर जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या-2 के लिपिक विक्रात को अपने साथ चलने के लिए कहा. गौरतलब है कि लिपिक विक्रांत भी कुछ समय पूर्व ही घड़साना कोर्ट से स्थानातंरित होकर कस्बे में आया था. इस हादसे में उसकी भी रीढ़ की हड्डी टूट जाने के कारण हालात गंभीर बताई जा रही है.


कार्यशैली के चलते 20 वर्ष की नौकरी में तरक्की भी मिली
एडीजे की सड़क हादसे में मौत की सूचना पर कोर्ट परिसर में शोक की लहर फैल गई. गौरतलब है कि सरोज चौधरी ने बार और बेंच के मध्य मधुर संबंध बनाए थे. एडीजे चौधरी के पिता बीकानेर में लॉ कॉलेज के लेक्चरर है, पिता का सपना पुरा करने के लिए चौधरी ने उन्हीं के कॉलेज में लॉ की पढ़ाई पूरी की, जिसके बाद एक मजिस्ट्रेट के रूप में अगस्त 2002 में न्यायिक क्षेत्र में ज्वाइन किया. इसके बाद 9 अगस्त 2017 को वह एडीजे बनी और पिछले लगभग एक वर्ष से वह अनूपगढ़ के अपर जिला और न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-एक में एडीजे के रूप में कार्य कर रही थी. 


इसी के साथ नवसृजित एडीजे कोर्ट संख्या-दो का अतिरिक्त चार्ज भी इन्हीं के पास था. एडीजे चौधरी मूलत: वैशालीनगर जयपुर की निवासी है और बीकानेर में इनका पीहर है. उनके रोहित व हेमंत दो पुत्र है, एक पुत्र ने दो दिन पूर्व एमबीबीएस की पढ़ाई पुरी की थी. हादसा होने के कारण एडीजे चौधरी अपने पुत्र की सफलता पर उन्हें मिलकर शुभकामनाएं भी नहीं दे पाई. बताया जाता है कि पारिवारिक कारणों के चलते एडीजे चौधरी सोमवार को बीकानेर जा रही थी.


अधिवक्ताओं ने की शोक संवेदानाएं प्रकट, बताया न्यायिक जगत में बड़ा आघात:
सड़क हादसे की सूचना कस्बे के न्यायिक में अधिवक्ताओं को पता चलने पर सभी ने इस घटना के प्रति दुखद संवेदनाएं प्रकट की. बार संघ अध्यक्ष रमेश सारस्वत ने कहा कि इस घटना से सभी अधिवक्ता सतब्ध है, सूचना मिलते ही सभी अधिवक्ताओं ने कार्य नहीं किया. उन्होंने यह न्यायिक जगत के लिए बहुत बड़ा आघात है. एडवोकेट तिलकराज चुघ ने कहा कि लोगों राहत दिलाने के लिए हमेशा तत्पर रहती थी, लोक अदालतों के माध्यम से अनेक मामलें राजीनामा के माध्यम से निपटाने में अहम भूमिका निभाई हैं. एडवोकेट पुरषोत्तम आहुजा सहित अन्य अधिवक्ताओं बताया कि घटना के शोक स्वरूप मंगलवार को 2 मिनट का मौन रखकर कार्य स्थगित किया जाएगा.


Reporter: Kuldeep Goyal