Sriganganagar News: श्री गंगानगर  जिले में श्री करनपुर के गजसिंहपुर के पास शुक्रवार  दोपहर को हरनौली हेड में डाफ लगने से नहर में बड़ा कटाव आ गया. कटाव आने से एफएफ और एफ एफ बी नहर के मध्य पटडा टूटने से दोनों नहरें एक होकर बहने लगी, जैसे ही इस कटाव का ग्रामीणों सूचना मिली तो तुरंत मौके पर किसान और संगम अध्यक्ष हरप्रीत सिंह ढिल्लों कटाव पाटने का प्रयास किया, लेकिन पानी का बहाव ज्यादा होने के कारण कटाव को नहीं बांधा पाए. किसानों के दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पुल में डाफ को हटाया गया जिसके बाद हालात को काबू किया गया.


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दोपहर किसानों ने मिट्टी के बैग भर के मेड बनाते हुए कटाव को कुछ कंट्रोल किया जिससे दोनों नेहरे बराबर बहने लगी, हालांकि संगम अध्यक्ष हरप्रीत सिंह ढिल्लों ने इस कटाव की सूचना जल संसाधन विभाग के उच्च अधिकारियों को दे दी गई थी,


लेकिन लाहपरवाह जल संसाधन विभाग का Xen, Jen, Sdo कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा,बता दें की डाफ लगने के कारण नहर में पानी का लेवल कम हो गया जिससे दर्जनों किसानों को पानी की बारी का नुकसान झेलना पड़ा, दर्जनों किसानों को 5 घंटे की पानी की बारी पर असर पड़ा है और 5 घंटों के बाद इन गांवों को मिलने वाला पानी लेवल पर लाया गया है.


गौरतलब है कि हरनौली हेड पुल टूटने से यह कटाव आया,बचे क्षतिग्रस्त पुल में कचरा फंसने से यह कटाव आ गया,बता दें की पुल 16 मार्च को टूट गया था, किंतु विभागीय प्रक्रिया में स्वीकृति रुकने के कारण यह पुल का निर्माण नहीं हो सका, नहर बंदी के दौरान दोनों और बसे किसान सूखी नहर से अपने वाहन निकालकर रास्ता तय करते थे, किंतु नहर आने के बाद करीबन 2 दर्जन गांवों के बाशिंदों का गजसिंहपुर से रास्ता अवरुद्ध हो गया था, हरनोली हैड का पुल टूटे हुए करीब डेढ़ माह हो चुका है किन्तु अभी तक जल संसाधन विभाग पुल का निर्माण के लिए सक्रिय नहीं हुआ,ऐसे में अब बॉर्डर से सटे गांवो का संपर्क बिल्कुल भी टूट गया है,जिससे से डेढ़ माह से दोनों तरफ बसे गांवो आवागमन काफी दिनों से बंद है,ऐसे में नहरबंदी के चलते मजबूर ग्रामीणों ने नहर के बीच से रास्ता बनाकर आवागमन कर रहे थे लेकिन अब नहर आने के बाद एक बार फिर से दोनों तरफ से आवागमन फिर पून: बंद हो गया है,


बता दें कि भारत-पाक अंतराष्ट्रीय बॉर्डर तक जाने के लिए यह एक मात्र रास्ता है जो‌ सैन्य दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है सैन्य वाहन और अन्य प्रशासन की गाड़ियां अन्य रास्तों से होकर गंतव्य की ओर जा रही हैं,ऐसे में अब बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के लिए भी यह की बड़ी मुसीबत बनी हुई है, ऐसे में सीमावर्ती क्षेत्र के गांवों के किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है, पुल‌ नही होने से किसान अपनी जींस और अन्य फसलों को मंडी तक लाने के लिए अब ग्रामीणों को लंबा रास्ता तय कर गांव मोटासर खूनी की ओर से होकर लोग दूसरे गांव को ग्रामीण मजबूर हैं.


ऐसे में सबसे ज्यादा काश्तकारों को परेशानी झेलनी पड़ रही है,ऐसे में न तो जल संसाधन विभाग हरकत में आया और नहीं ही प्रशासन,हालांकि 10 दिन पूर्व जल संसाधन विभाग के एसडीओ अतुल शर्मा ने एक माह पूर्व जल्द ही पुल निर्माण करवाने का आश्वासन दिया था,एसडीओ अतुल शर्मा ने कहा पुल निर्माण के लिए प्रपोजल बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दिया गया है स्वीकृति मिलते ही एक माह में यह कार्य कर दिया जाएगा,अनुमानत इस कार्य में 1 से 2 माह लग सकते हैं, बहरहाल अब देखना ये होगा कि आखिर अब नहरी विभाग द्वारा यहां पुल बनाकर सीमा से सटे ग्रामीणों को राहत मिलेगी.


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