अनूपगढ़ में मोटर सही करते वक्त करंट लगने से एक व्यक्ति की मौत, 2 घायल
Sriganganagar news: अनूपगढ़ के गांव 94 जीबी के खेत में कुएं में लगी मच्छी मोटर सही करते समय लोहे की तिपाई ऊपर से गुजरने वाली 11000 किलो वाट की विद्युत तार से टकराने पर करंट लगने से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई जबकि 2 घायल हो गए.
Sriganganagar, Anupgarh: अनूपगढ़ के गांव 94 जीबी के खेत में कुएं में लगी मच्छी मोटर सही करते समय लोहे की तिपाई ऊपर से गुजरने वाली 11000 किलो वाट की विद्युत तार से टकराने पर करंट लगने से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई जबकि 2 घायल हो गए. प्रत्यक्षदर्शियों के द्वारा तीनों को अनूपगढ़ के राजकीय चिकित्सालय ले जाया गया जहां घायलों का चिकित्सकों के द्वारा इलाज शुरू कर दिया गया है वहीं मृतक रामस्वरूप के शव को मोर्चरी में रखवा दिया गया है.इस हादसे के बाद अनूपगढ़ के राजकीय चिकित्सालय में ग्रामीणों की भीड़ लग गई और मृतक रामस्वरूप के चाचा गोपीराम का रो रो कर बुरा हाल है.मृतक रामस्वरूप भवानी सिंह के खेत में मजदूरी करने के लिए गया हुआ था और उसी समय यह हादसा हो गया.
मिली जानकारी के अनुसार आज बुधवार दोपहर भवानी सिंह(35) पुत्र करनी सिंह निवासी पुराना बिंजोर,गांव 94 जीबी में अपने खेत में समनदीप सिंह(30) पुत्र हरनाम सिंह निवासी पुरानी बिंजोर, और रामस्वरूप(28) पुत्र लक्ष्मण राम निवासी गांव 6 एमएसआर के साथ मच्छी मोटर को सही करने का कार्य कर रहा था. भवानी सिंह ने इन दोनों को अपने खेत में मजदूरी करने के लिए बुलाया हुआ था.
मच्छी मोटर को बाहर निकालने के लिए लोहे की तिपाई को जब तीनों ने खड़ा करना शुरू किया तो ऊपर से गुजर रही 11000 केवी की विद्युत लाइन से लोहे की तिपाई टकरा गई और लोहे की तिपाई में करंट दौड़ गया.लोहे की तिपाई मे करंट दौड़ने से तीनों करंट की चपेट में आ गए. शोर सुनकर आसपास के खेतों में काम कर रहे ग्रामीण मौके पहुंचे और तीनों को अनूपगढ़ के राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने रामस्वरूप को मृत घोषित कर दिया.राजकीय चिकित्सालय में भवानी सिंह तथा समनदीप का इलाज शुरू कर दिया.
मृतक के पिता की 1994 में हो चुकी है आतंकी हमले में मौत
मृतक के चाचा गोपीराम ने बताया कि मृतक के पिता लक्ष्मण राम की 1994 में अनूपगढ़ से हरिद्वार जाते समय बठिंडा में हुए रेल बम धमाके में मौत हो चुकी है. तब से मृतक रामस्वरूप अपनी मां मीराबाई और बड़े भाई रामचंद्र व अपनी पत्नी राम श्री के साथ चर्चा गोपीराम के साथ ही रह रहा था. मृतक रामस्वरूप के विवाह को 6 वर्ष हो चुके हैं मगर अभी तक उसे कोई औलाद नहीं है. इस दर्दनाक हादसे के बाद मृतक के चाचा गोपीराम का रो-रो कर बुरा हाल है.
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