Tonk, Niwai: शिक्षा विभाग के मिशन बुनियाद कार्यक्रम के तहत डिजिटल शिक्षा के प्रसार को लेकर टोंक जिले की डिजी चर्चा का कार्यक्रम हुआ. जयकिशनपुरा के नवाचारी शिक्षक दिनकर विजयवर्गीय ने लाइव आकर डिजिटल शिक्षा के लाभ और उपयोगिता के बारे में बताया और एनईपी 2020 में डिजिटल शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया. 


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पीरामल फाउंडेशन समन्वयक नेहा सिंह ने डिजिटल शिक्षा की टोंक जिले में शुरुआत को लेकर 10 बिंदुओं पर वार्ताकार दिनकर विजयवर्गीय से विस्तृत चर्चा की. इससे पहले नेहा सिंह ने डिजी चर्चा की शुरुआत मिशन बुनियाद की जानकारी साझा करने से की. जिसकी शुरुआत अब सभी जिलों में शुरू की गई है. 


अतिरिक्त जिला शिक्षाधिकारी परियोजना समन्वयक रमेश सिंह ने कहा कि डिजिटल शिक्षा वर्तमान की आवश्यकता है. पल एप से आईसीटी लेब में डिजिटल शिक्षा की शुरुआत से लर्निंग गेप दूर होगा. विद्यालय में विद्यार्थियों का ठहराव होगा. ड्राप आउट में कमी आएगी. जिले के अधिकतर विद्यालयों में कंप्यूटर लैब स्थापित हो चुकी है. इसके माध्यम से विद्यार्थी कठिन विषयों को भी आसानी से समझ जाएंगे.


पीरामल फाउंडेशन के इरशाद, सहदेव राठौड़, सुमेध ने कंप्यूटर शिक्षा के बारे में बताते हुए आईसीटी लेब के रखरखाव की जानकारी दी गई. कार्यक्रम में डिजिटल शिक्षा के महत्व एवं विद्यार्थियों को अधिक से अधिक कम्प्यूटर का ज्ञान लेने के लिए प्रेरित किया. 


इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने राजकीय विद्यालयों में अधिक से अधिक विद्यार्थियों को प्रवेश दिलाने एवं डिजिटल शिक्षा से जोड़ने पर जोर दिया. जिले के समस्त संस्था प्रधान अभिभावक, शिक्षक एवं विद्यार्थियों ने इसमें भाग लिया.इसी तरह वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम में 150 शिक्षकों ने जुड़कर मिशन बुनियाद के कार्यक्रम पर विस्तृत चर्चा की.


Reporter- Purshottam Joshi


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