जिस गांव ने दिया MLA का टूट कर साथ, उसी गांव को भूल गए सरकार
Malpura : राजस्थान के टोंक मालपुरा विधानसभा क्षेत्र मे भाजपा के पक्ष में सर्वाधिक मतदान कर विधायक कन्हैया लाल चौधरी को पहली बार विधान सभा पहुंचाने का रिकॉर्ड कायम करने के बावजूद, टोडारायसिंह उपखंड का पन्द्राहेड़ा गांव, विधायक कन्हैया लाल चौधरी की उपेक्षा का शिकार बना हुआ है.
Malpura : मालपुरा विधानसभा क्षेत्र में शामिल टोडारायसिंह उपखंड के पन्द्राहेड़ा गांव की राजनैतिक पहचान ये है, कि पन्द्राहेड़ा गांव के मतदाताओं ने साल 2013 के विधानसभा चुनाव में समूचे विधानसभा क्षेत्र में एक ही बूथ पर भाजपा के पक्ष में सर्वाधिक मतदान करने का रिकॉर्ड कायम किया.
टोडारायसिंह के प्रमुख धार्मिक स्थल बावड़ी कस्बे से सीधे 10 किलोमीटर की दूरी पर स्टेट हाईवे 37 ए को कुकड़ चौराहे पर जोड़ने वाले लिंक मार्ग पर पन्द्राहेड़ा गांव की पहचान विधायक के दूसरे कार्यकाल के अन्तिम दौर तक भी यहां के चौतरफा कीचड़ भरे रास्तों को लेकर कायम है.
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि विधायक कन्हैया लाल को सर्वाधिक वोट देकर जिताने वाले गांव के विकास में विधायक ने सरकारी योजनाओं सें लाभान्वित करना तो दूर अपने विधायक कोष से भी विकास के नाम पर एक रुपया भी गांव की सार्वजनिक समस्याओं के समाधान में खर्च नहीं किया.
ऐसे में गांव के हालात ये हैं कि विद्यार्थियों को स्कूल और मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र पहुंचने के लिये भी चौतरफा कीचड़ सें सने रास्तों से ही गुजरना पड़ रहा है. ग्रामीण बताते हैं कि दूसरी बार के चुनाव वर्ष 2018 में प्रचार के दौरान गांव की पेयजल समस्या पर विधायक ने चुनाव परिणाम के तत्काल बाद अपने निजी स्तर पर ही पेयजल समस्या समाधान का चुनावी सभा में ऐलान किया, लेकिन चुनाव जीतने के बाद सब भूल गए.
गांव के लोग आज भी फ्लोराइड युक्त हैंडपंप के पानी से अपनी प्यास बुझाने को मजबूर है. ऐसे हालात विधानसभा क्षेत्र में अकेले पन्द्राहेड़ा गांव के ही नहीं बल्कि है बल्कि विधानसभा क्षेत्र में अन्य गांवों-ढाणियों के लोगों को भी चौतरफा कीचड़ के बीच नारकीय जीवन जीना पड़ रहा है.
रिपोर्टर- पुरूषोत्तम जोशी
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